आधुनिक राजस्थानी का संरचनात्मक व्याकरण | Adhunik Rajasthani Ka Sanrakshan Atmak Vyakaran

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Adhunik Rajasthani Ka Sanrakshan Atmak Vyakaran by पं. कालीचरण - Pt. Kalicharan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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आधुनिक .राज़स्थानी क़ा संरचनात्मक, व्याकरण;, १५ ह आधा हल छुरी। पका थी अत 5 छुरियों [+ ह* ४3 छुरोगे , कड़ौ कड़ियौ कड़ी स्‍्ॉंकर # (ग) त्रिविध रूपीय संज्ञाए जिनके विशिष्ट पुल्लिग रूप झवुपलब्ध है। ताकड़ ताकड़ियौ ताकड़ी काकड़ काकड़ियौ काकड़ी ढेलड़ ढेलडियौ ढेलड़ी (घ) त्रिविध रूपोय संज्ञाएं जिन॒के अल्पार्थक पुल्लिग रूप अनुपलब्ध हैं । हा थेपड़ू , थेपड़ी थेपड़ी हु फक्. फढ्ौ फब्गी (ड) त्रिविध रूपीय संज्ञाएं जिनके स्त्री लिंग रूप अनुपलब्ध हैं । आकड «. आाकड़ौ झाकड़िया घेड़ ,> *-धेंडौ घेड़ियो खरड़क खरड़कौ खरड्कियो ४ ऊ शौर्ड , | आह 5... रौड़ीं है ' रौडियो सौर खौरी खौरियाँ ,; #६ धोब , -+धोबौ घोवियौ गार «५ मारौ गारियौ (च) द्विविध रूपीय संजाएं जिनके सामान्य पुल्लिग और स्त्री लिंग रूप ही पलब्ध है । रा ला सांगर मा सांगरी ताल गम ताली कुड़क य कुड़की पीपव्ठ (भ पीपछो (छ) ट्विविध रूपीय संज्ञाएं. जिनके विशिष्ट पुल्लिग और अल्पाथंक पुह्लिग रूप दी उपलब्ध है । ्ः हर 2 खाजौ - ... खाजियौ खबोचो /... . ख्बोचियों तूडो ; सूंडियो ओलौ मल ओलियौ




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