भारत रत्न विजेता | Bharat Ratn Vijeta

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Bharat Ratn Vijeta by कमल शुक्ल - Kamal Shukl

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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25 वे गौरव के पात्र पे । मगर उपके अन्दर अहकार वी भावना नही धी। वे सरल स्वभाव के बोर मृदुभापी थे। उनयी बात का प्रभाव सुनने वाले पर अवश्य पडता । ये सरलता के साथ अपनी बात समसा देते पे। पह सरलता ही उनना विशेष गुण थी । यही कारण था कि उससे वोई भो नाराज नहीं रहता था। वे सबने प्यारे थे और सभी यो उन पर गय॑ था।




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