आकृति - निदान | Aakriti - Nidan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
228
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ग्राष्ठति निदान क्या है इ
पढेगी । भोमनफों पचाता भीर शरेस्फे भीतरी मरफों पाहर
निकालना जीयके लिये भायश्यरू काम है। स्पस्य मतुष्पको भूल
सगती है और यद भूप प्राकृतिक छुराकसे महतो मांत्ि दूर हो
जाती दे | पेटफो दूस दूसकर भरनेसे दक तरहफी पीड़ा वैने
पाला भाव शरीरमें उत्पक्ष दोता है, पर प्राहतिक घुराफले ऐसा
नहीं दोता । पेट्फे सन््दर पचानेका काम भाप ही भाप ऐसी
शांतिसे जारी रहता है फि भनुष्यको पतातक महीं छगता 1
पानेके याद् झिसो तरदका भारीपन मनुभव करना और कोई
घटपरी घीज सामे पा कोई छेम घीत पीमेकी इज्छा करता
प्रकृतियिए्द है, रोगका चिट है। प्यास युकानेके छिये केपल
सादे पामीकी इच्छा धोना ही भायश्यक है ।
सूत्र पेशाय गुर्दे या घुफ़से यमकर मृत्राशय्मं भात्ता है।
फेंशायफे समय किसी प्रकारफी पीड़ा या उसमें अधिक गर्मी
मे होनी घादिये | रग, भग्वरी था सूखे पयालका सा होना
खादिये। पेशाय कफरमैफे याद जिस जगह पेशाय किया जाय वहां
कोई चाद्ूदाए भीर सफूफ जेसी चीज सी न जम जानी चाहिये।
उसकी मद न तो मीठी झौर म कड़वी धोनी घादिये ।
सल-.. स्पष्प मझुप्यका मल गोल भीर छम्पी शकुका दोता
हे। मछ धेंधा दोना चाहिये, पर साथ ही कड़ा ह होना चाहिये ।
स्वस्थ मलुष्यका मख गुदद्धारसे इस तरह निकछसा है कि
पद भू पिलकुल गन्दा मर्दी दोने पाता | साधारणत पाजामेफी
सात हरी भौर सफेद नहीं वद्कि बादामी भौर सूरीहोनौ
डे
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