महामना मालवीय | Mahamna Malviy
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
268
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)6 6 हमारे छामते शो कई ऐसी मिसालें हैं गिदसे हम सीख सकते ई--
प्रामपस के शोप भाजकल के लौजबाम बडुद-हुप्न सील छकते हैं माद्रणीय
लो कै जीबत छ। उनकेब्सायने जो लक्ष्य था ैस उत्होने काप किया भौर
छफलता पापी इन छब्से । हम मू्तियाँ श्वड़ी करें संस्थाएँ बनायें यह तो
दोक है. लेडित-प्राखिर में सबक सी्ें उनकी जिल्शयी से घनके काम से
प्रौर सीलकर उसी रास्ते पर अर्से प्राजहुस के द्माते मे उसको शगाकर
घर्स भर प्राये बढ़ें तो पड़ी डतका सबसे बड़ा स्मारक हो सकता है।
पह प्रध्चा है हि समम प्राया उसकी शताप्यी मसामे का तौ पुराने प्रौर
नये लोप सब फिर सोचे बिद्यार करें प्रौर सी झि बे कयालया बातें थी
जिनसे माभबीयजी इतने देने मह्वापुढप हुए $से उत्दोने भारत की प्राजारी
के रास्ते में घपमी संस्कृतिका प्राइर करने के रास्ते पे राबको अंढाया
प्रौर यह कि छसके बहखाये रास्ते पर अल़कर प्रारत कौ पैदा हम दिस
रह करें धौर घाते बड़ें।
--जवाहरक्षाक्ष नेहरू
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