गांधी - गीता | Gandhi - Geeta

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Gandhi - Geeta by पंडित नरोत्तम व्यास - Pt. Narottam Vyas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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६६1 दृढ़ प्रस्लिरुए ३ पक चाए कही हुई चातका भरण पयेन्त पालन करना ही हद प्रतिशता कहलाता है। बालकों सुधा दोर पही कहा जा खकता है, जो गोलियोंको दौर होते हुए भो अपने स्थातपण डदा रहे। यद्यपि महर्षि दुबारा राजा अस्वरीद- पर बड़े यडे सीषण आक्रमण किये, के ईछ बुए भछा ज्ीमें आया, फ्द डाला कप ओर औछें शटाफर देखातक नहीं दर अपने दरावर रे इसीसे. स्यप्रतिषो्मे दण्थिदके या च-४ + देसरा नस्व॒र अन्दींका द्दै। है के है क ञ् क् सम्पता। सम्यता उस आचरणको कहने जिसकी ऐ्रेएणाले मलुप्प झपने क्त॑व्यका पालन करता हे। अमन और इच्दियोंकी संग करोगे भी बा पतला नोति और विपमीका भले प्रकास्ले पालन गपने सच्चे स्वरूप को पहचान खफ्ते दे। बल हि] जो कुछ इसके विर्ड है, चद सच्चा अर्थ यदी दे! गा है अर समयकद.. * अं यदि आप शुद्ध सम्यताद कु के उक घासी रेगा चाहते दे




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