हिन्दी महाकाव्यों में नारी चित्रण | Hindi Mahakavyo Men Nari chitran
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
90 MB
कुल पष्ठ :
298
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शारौ-विकास कौ पृष्ठभूमि श्हे
समूषी पज्ञ-क्रिया नहीं कर धह्ती थीं (२४ स्त्रियाँ भी पुर्स्पों के समान ब्रह्मभर्य परत
को पासन कर विद्या्यय करती थौ। जब कोई कुमारी विवाह के लिए मणप में
मराठी थी तो बह ते केशल ब्जों से मसी साँति बाभ्कादित होठी बी पर, साथ ही मशो-
पजीत को भी बारण किए होती थी। वज्ोपजीत गिधाध्यत का त्रिह् था।३८ झनेक
ल्जिमाँ प मे जिदुपों न सकी थीं । मैशैयी शार्गी जैसी कुछ स्त्रियाँ एस युग में भी
अंषी हिला प्रात करठो थी और बड़े से बे गिद्वार्तों कं छाप गिगाद करे की योग्पता
रक्षती थीं 1२० पर इसमें सन्देष सहौं कि कृतिपय अपबादों को ध्लोड़कर पर्म साभा
रच स्त्ियाँ गिवाह दरार पृहस्भ-बर्म के निर्वाह में तत्पर रहती पी 125
जैसे-जैसे जाति के बंबत कड़े होते धये बैंते-जैसे स्त्रियों का पर सिरता गया।
म्े-स्णबस्था के कारण जऔौर क्ास कर अनापों की उपस्थिति के कारण स्तनों का
पुरुषों से स्वर्ंशधापूर्णक॥ मिलना कम होने सगा । बरी पर्श प्रारम्भ तही हुआ था पर
ए्जियां पुरपों की गोष्ठियों से कुछ मलग रहने लगी थीं । इस प्रायक्प से क्मका ब्वान
सौर बतुमब परिमित होते लगा और इसौलिये उतका बाइर कुत्त कम होते क्षणा 1२०
पुजिनों का ज़ल्म इस यु से एक मुसीबत समझा जागे शगा। स्त्रियों के दाम का
अधिकार मी छीम पिया यया! फ़िर भी मे अ्यवस्थाएँ अभी सर्बमाम्य गहीं हुई
थी ।* इसके बतिरिक्त बदुतोम प्रगा से भी स्त्रियों कौ पदवी को हानि पहुँची तवा
तपस्या की प्रश्नति बढ़ने के कारण बब संसार-रयाम एक मादर्थ होते सगरा तो स्त्री जो
इस त्पाम में सबसे बड़ी बाबा है मनारर की हष्टि पे वेशी जाने लगी | ४१
जिभिष्त ऐतिहाासिकों के रक्त म्ों से मह स्पष्ट हो जाता है कि नाधीे का गह
ऐतिड्वासिफ़ विकास और उतब्राई ओ उसने बैरिक युग के प्रारम्मिक काप्त में प्रात की
भी कम होने शगी और उसका ऐतिहासिक महत्व अधिकारों की हृष्टि से शन॑ -धर्मं
कम हांता प्रारम्भ हो गया । मारतीय घारी की अधोतति का आरम्म यहाँ से समझता
अआहिए।
दीए-क्पष्य-काल में शारी *--बीर-काष्य-कास तक अते-भाते तारो की रियति
मैं काफी बंतर भा गया । उत्तर बैदिक मृय की रिजयों की स्थिति में जो हाप होता
प्राएम्ण हुआ था बहू एस युग में भी शइसा रहा ।४* इस थय्रुम में बहू गिगाह मी प्रपा
३१. घा« हाॉंस्हू० इ० पृ० ६४१ ३९ हि प* पब् पृ ७३, ७४1
३६ पा प्रा> इज पृ० २१८। ह४०७. हा# सोरहन इन पृ० १५१1
३७... जा+ तास्कूनद पृ० ४2५1 डर हिल पु० घन पृ० ज॥ छ४ 1
ह८.. भा# ग्रान इ० पूल रह९। है२ जा तॉत्डब इ १० ६१)
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