बीस नदियों का संगम | Bees Nadiyon Ka Sangam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
190
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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मु 25
उदरस्थ कर लिया था। निश्चय ही उन प्रौढ कपोलो की लालिमा मे उन पौष्टिक मेदों की
ललछींही आभा एक लम्बे अरसे के लिए रिसकर रह गई यी।
अभी तो आप उससे मिली ही नहीं। दक्षिणी डॉक्टरनी का आनदी चेहरा बचकाने
उत्साह से रँग गया। मुझे भी जैसे उस उत्साह की छूत लग गई और मै उतावले कदमो से
चौके की ओर बढी। छोटा सा धुएँ से भरा चौका किसी भी सुगृहिणी के चौके-सा साफ-सुधरा
और पकवानों की सुगघ से सुवासित था। एक बडी-सी कढाई मे घुटनों तक धोती चढाए
दो क्षबी तातार-सी औरतें पूडियाँ तल रही थीं। सद्सा धुएँ की कुहेलिका कौ चीरती वह
अपने दो गुलगोयने हाथ जोडकर खडी हो गई।
! पद मेम साहव तुम्हारे ही देश से आई है चनुली, उसकी अधीक्षिका नै कहा और उसने
एक लजीले दृष्टिपात से मुझे बीधकर आँखे झुका लीं।
क्यों चनुली, किस गाँव की हो तुम ? मैने हेंसकर पहाडी में पूछा। पर मै क्या जानती
यी कि उसके बिछुडे देश की भाषा मे पूछा गया मेरा निर्दोष प्रश्न नश्तर बन उसी क्षण
उसके पके नामूर को बेरदमी से चीर देगा।
दोनों हाथो मैं मुँह ढोपकर वह फफक-फफकर रोने लगी तो मै अग्रस्तुत हो गई।
बहुत दिनो बाद आपके मुँह से अपनी भाषा सुनकर ही शायद बेचारी अपने आप को
नहीं रोक पाई। वैसे यह कभी रोती नहीं। डॉक्टरनी ने अग्रेजी में कद्ा और फिर बडे चातुर्य
से प्रसग बदल दिया अच्छा चलो चगुल्ी हमको काम है तुम मेम साहब को स्बूल और
पूरी जेल दिखा लाओ।
मेरी अनजान उपस्थिटि में अचानक ऐसे टूटकर बिखर जाने से चनुली जैसे मेरी ओर
आँखें उठाकर देख नहीं पा रही थी। आँखे पोछकर नीची नजर किए ही बोली 'आइए? '
और मै नि शब्द उसके पीछे-पीछे चलती एक बार फिर जेल की परिक्रमा कर गई। बच्चो
की कक्षा देखी तो मन भर आया। किन्तु क्या यह राचमुच बच्चे थे। छह वर्ष के भोले निष्पाप
चेहरों पर छब्बीस वर्ष के अनुभव की छाप थी। बेरौनक उदास चेहरों मे जडी पीली आँखों
में क्षण भर के लिए किसी दम तोडती टार्च के नन्हें-नन््दें वल्थ की-सी ही चमक आई, फिर
दप न्से बुझ गई। सन्हें-नड्े द्वथ हिला हिलाकर उन्होंते मुझे कविता सुताई गाने गाए,
चाबी सतम हो रदे सट्टू की भाँति एक-दो ने गोल-गोल धूम सक्षिप्त नृत्य प्रदर्शन भी किया
किन्तु मुझे लगा वर्षों पूर्व वचपन मे देखे राजस्थानी कठपुतलियो के किसी कठपुतले का
नाच फि का अपूर्व अभिनय करता, धडाम से गिर फिर उठ गले में बँधा सार्डिन का टीन
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