सत्तागमे | Suttagame

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Suttagame by पुप्फ़ जैन भिक्खु - Pupf Jain Bhikkhu

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पुप्फ़ जैन भिक्खु - Pupf Jain Bhikkhu

Add Infomation AboutPupf Jain Bhikkhu

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
२३ तद्धित (१) अधेमागधीमें “तर” प्रत्ययका 'तराय” रूप होता है, जैसे-अणिद्वतराए, सअप्पतराए, बहुतराएं, कंततराएं इत्यादि । (२) आउसी, आउसंतो, गोमी, बुसिम, भगव॑ंतो, पुरत्थिम, पश्वत्थिम, ओयंसि, दोसिणो, पोरेवच्च आदि प्रयोगों 'मतुप” और अन्य तद्वित प्रत्ययोके जैसे रूप जैन अधेमागधीमम देखे जाते हैं महाराष्ट्र वे मिन्न प्रकारके होते हैं । महाराष्ट्री और अधमागधीर्में इनके अतिरिक्त बहुतसे सूक्ष्म भेद हैं जिनका उल्लेख केखका देहसूत्र बठनेके भयसे नहीं किया । आगमोद्धार जैसाकि हम ऊपर आगमोंके इतिद्वात प्रकरणमें लिख चुके हैं स्थानकवासी समाजमें उत्तरोत्तर वृद्धि होती चली गई, अतः झानमें श्रद्धे होनी ही थी । सबसे पहले श्रीधर्मशी स्वामीने मूलसूत्रोपर 'ठब्बें' लिखे, जो कि साधारण अभ्यासीके लिए अत्यंत उपयोगी हूं । क्‍या ही अच्छा होता यदि उन्हें प्रकाशित क्रिया जाता । इसके बाद पूज्य अ्रीअमोलक ऋषिजी म० ने बत्तीसों सृश्नोंका अनुवाद किया । जिसका प्रकाशन हआरों रुपया व्यय करके श्रीमान्‌ राजा बहादुर शे& दानवीर घुखदेवसह्वाय ज्वालाप्रभाद जौदरीने किया, इसके लिए वे अधिक्राधिक धन्यवादके पात्र हैँ । छेकिन पाठोंकी अशुद्धि, कांगजकी खराबी और मिश्रित हिन्दी होनेके कारण समाजकों इतना लाभ न मिल यका जितना मिलना चाहिए था । इसके अनन्तर जैनाचाये पूज्य श्रीआत्मारामजी महाराज और पूज्य थ्री- का में० ने भी कई सूत्रोंके अनुवाद किए और घासीलालमुनि भी कर रहे हैं । इसके अतिरिक्त रागबहादुर धनपतसिंह (मकसूदाबादबाके ) और आगमोदय- समिति आादिने भी आगमोंका प्रकादान किया है पर वे भी अशुद्धियोंसे खाली नहीं । कई प्राध्यापकों ने भी इंग्लिश अनुवाद सहित कुछ सूत्र प्रकाशित किए, परंतु अतिसंक्षिप और महद्दाराष्ट्री प्रधान होनेके कारण खवाध्यायी के लिए अधिक उपयोगी नहीं । सूत्रागमप्रकाशकसमिति वैदिक प्रेस अजमेरकी छपी हुई चारों मूल वेदोंकी पुस्तक एक किसानमे शुरु महाराजकी सेबामें पेशा की और पूछा कि भापके आगम भी एश जिल्दमें मिल




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now