सुमन - संचय | Suman - Sanchay
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
76
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ४ )
+रतावदना ।
कानछुर में मारवाड़ी अग्रवाल महासभा के अवसर
पर स्थानीय श्रोमारवाड़ी-पुस्तकालय की ओर से एक वृहत्
हिन्दी कवि-सम्मेलन किया गया था, जिसमे स्थानीय कवियों
के अतिरिक्त बाहर से भो कई सकवि पधारे थे ओर कुछ बाहरी
| ऑ
सुकवियों ने भी (जो किसी कारण से न पधार सके थे )
अपनी सुन्दर रचनाएँ भेजने की कृपा की थी । समापति का
आखन प्रसिद्ध देश-भक्त हिन्दो-हिलेषी श्रीमाव् बाबू परुषो-
तमदासजी टण्डन ने खुशोभित किया था। उक्त कवि-सम्मेलन
में जो रचनाएँ सुनाई गईं, उनमें से कुछ चुनी हुई कविताएँ
इस 'सुमन-सश्जञय' में संगृहीत हैं ।
संग्रहीत कविताओं में से सात सर्वोत्तम कविताओं पर
पुरस्कार द्या गया था। पुरस्कार का निणेयष करने के लिए
वाबू पुरुषोत्तमदासजी दणशडतव, पशिडत रामनरेशजो त्रिपाठी
ओर इन पंक्तियों का लेखक, इन तीन व्यक्तियों की एक कमेटी
बनाई गई थी । कमेटो ने सर्व-सम्मति से जिन सुकवियों को
पुरस्कार देना निश्चित किया, उनकी सेवा से पुरस्कार समर्पित
किया गया । पुरस्कृत कवेतएँ इस संग्रह के प्रथम भाग में
संगृहीत हैं। शेष कविताओं में से कुछ चुनी हुई कविताएँ दुरूरे
भाग में रक््खी गई हैं । अत्या है कि यह संग्रह पाठकों को
रुचिकर होगा ।
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