प्रबंध चिंतामणि | Prabandha Chintamani Bhag-i

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Prabandha Chintamani Bhag-i by जिन विजय मुनि - Jin Vijay Muni

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भ्रबन्धचिन्तामणि की संकलना। इस अन्थका संकलन और प्रकाशन निन्न प्रकार, ५ भागोंमें, पृणे होगा। (१) अथम भाग: सिन्न मिन्न प्रातियोंके आधार पर संशोधित-विविध पाठान्तर समवेत-सूछग्रन्थ; ३ परिशिष्ट; मूलप्रन्य भर > परिशिष्टमें भाये हुये संस्कृत, प्राकृत और अपभंश भाषामय पद्चोंकी जकारादिक्रमाजुसार सूचि; पाठ संशोध- नके लिये काससें छाई गईं घुरातन प्रतियोंका सचित्न वर्णन 1 (२) द्वितीय भाग- प्रबन्धचिन्तामणिगत अबन्धोंके साथ सम्बन्ध और समानता रखनेवाले अनेकानेक पुरातन अ्रवन्धोंका संग्रह; प्रदाजुकमसूचि; विशेष नामाजुकम; संक्षिस्त अखाबना और अवन्ध संग्रहोंकी मझूछ प्रतियोंका साचित्र परिचय । ४“(३) ठतीय भाग, पहले और दूसरे भागका संपुणे हिंदी भाषान्तर ॥ (४) चतुर्थ भाग: प्रबन्धचिन्तामणिवार्णित ध्यक्तियोंके साथ सम्बन्ध रखनेवाले शिछालेख, ताम्रपत्र, पुस्तकप्रशम्वि भादि जितने समकालीन साधन भर ऐतिह्ा प्रमाण उपछूब्ध होते हैं. उनका एकत्र संग्रह और तत्परिचायक उपयुक्त विस्तृत दिवेचन; प्राइकालीन और पश्चात्कालीन अन्यान्य अन्योंमें उपलब्ध अम्ाणभूत श्रकरणों, उछ्ेखों घोर भवतरणोंका संग्रह; कुछ शिलालेख, ताम्रपत्र और भाचीन ताउपत्रोंके चित्र। (५) पश्चम भाग. भवन्धचिस्तामणिप्रथित सब भातोंका विषेचन करनेवाली विस्तृत भ्रस्तावना-जिसमें तत्कालीन ऐतिहासिक, भौगोडिक, साम्रजिक, धार्मिक और राजकीय परिस्थितिका सविशेष ऊद्यपोह और सिंदावलोकत किया- जायगा। अनेक प्राचीन मंदिर, मूर्तियां इत्यादिके चित्र भी दिये जायेंगे । ७ 6०७०2.५५५७००६९४०७ फप्तत 80प्रषाए 07 एप्घछ पश्र08४छ 00 ए85788 प्0प4ए0फ7/७ 8877 [ 77९ ऋण्टांर प्रा! 98 2077064९व ३7 179 ए४76 8. 26४ 1, 4. व्यप्वव्ग 120०0 ०९ ४४० ग्मंड्ागडे प०च गा 5िद्ागका६ छपी एड०प्5 760017288 - 94800 ७1 16 10809 7थह्० 2488; 8 3 एएथापोफ; 60 कॉफ189000व1 उच्नततत5 ती 21 81310, एिड्रोएव6 घाव हैफ़ाणाछएू18/8 ४९788७ 00०प्रापगढ 18 ध16 ६९5६ वें 16 8एएशापड; है 81076 गु्राफण्पेप्ांण 19 प्रग्ञता तरूव्यणंपढ धरा० उच858, दावे 107थारंश|ंड प्श्व॑ व ए/०एक्य/ड ६19 ६०७5४ बोगाड़ भर 98065. ए०७ 11. 3. ०णीए०४०णा ० ख्र्याए गव ए.बर5फ्रवंम88 ंफा]4४ छाते शाब०20प3 ६0 ६09 28087 चा० ?:४०६७व॥8४ ०ण।(दाएबा;. प्रतें०8४8 ०९ 16 एश४९७ . धयपे छ/0987 ग्रध्याक्छ 6, 8076 पणाण्पप्ढांणक 17 क्रांणग १९००७४हु ४४1० 388, घघते णक्षल्शंहा3 ४४७0 10 ए70७१:४॥०६ एंड ए४८:६, 81००8 एप ए10028. 'ए४७ 11, 8 00फ%ए०० पसजत 'एफशाशेब्नणय ०९ एप व धाते 1, ४7६ 1'ए, 2 ०गो००४०ए० ० ध्फुंडिगएएव्व] 7280705, शंह, शैणा० गाध्टयंएसवणाड, ०००70 [ै॥९5, ०००- कृपणाब 80वें ए18४8883 7०० 1७ ००॥६७७७०:४४७ +185; शा 8एक1|8009 क्ांडठ्धंव्थों चेडव बेग्गीगड भयेंशी! (89 उ2208009 ैशलतं/सपे 0 कर्शयाल्वे 10 19 ४19 करआ्राप4लंपन ग्रावएं ोणा8 जांच 8 णयप्रंत्थों घ०००प्रणा 17 मापके 6६ ७७ 007०, 88 030 फ्धपज़ [14009. बाते ॥ ००ेी९९७४ण ०१ 8710०7188#50 >र(श६७1०६७ छाते वृष०(4्नणा३ शि०्य 0/द्' एगॉ(छ, एछ056 प्र, 81 गह७०द्ल इलाके पगञााण्वपनांग बपाएव्गंगह ० प्रॉंडा०्व॑व्बी, 8०270एॉ1५0, 8००४५ [एणॉपंव्ब ७०० क्‍्योड्ांएप्र8 ०ाा्पोप्तंगाड ०१ धव फएशाएणवे; फंप (1६0०५




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