भारत में गये भाग 1 | Harat Main Gay Bhag 1

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Harat Main Gay Bhag 1  by सतीश चंद्र - Satish Chandra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अध्याय 3१३ ठठरी या कड्लाल टट९, खोपड़ीकी अध्ियाँ चित्र ६६, घोड़ेकी खापड़ीका मध्यमाय | 4. वृददत्‌ मस्तिष्कका कोठा; 6. जतूका चरण, 7. सोरिका, 8, नासास्थि, ' .3,. जतूकास्थि, चित्र ६७. घोड़ेकी खोपड़ी (पिछला दृद्य)। 1 पश्चिम कपाल, 9. दाखाह्थि, 18, सीरिका, 20; तालवीय, 29, गढाह्यि, 23. ऊच्चे इन्वस्थि; “25 छांखास्यि और हन्वस्थिकी सन्धि, “26, पुरो इचु, 29. कर्तनक अस्थि । 1, सर्करास्थि; 2, पुरः कपाल. 5. पश्चिम कपाल, 9. लघु मस्तिष्कका कोठा । द श पे - के नि दि पक _सन्ड थे थे मर ् दे नि स््य्ि थ री पु । ब न ५ ही दल श. | | कर १ 1] | श् हु, “५3 ध ही चित्र ६८. बैलकी खोपड़ी (पीछे और बगलका इदय) |. 1, पुर कपाठ, 2 सींगका जड़, 4 दाखास्थि, 5. अन्न पीठास्थि, 7, गढाछ्थि, 8. नासास्थि; 9. ऊष्ब हन्वस्थ, 11. पुरो कु 12 कतंनक अस्थि ।




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