मेघमहोदय - वर्षप्रबोध | Meghamahoday - Varshaprabodh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19 MB
कुल पष्ठ :
472
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विज्ञापन-
जैनाचार्यों फे बनायें हुए ज्योतिष मणित सामुद्रिक शिल्प शक्कुन
कैधक और कल्प भादि विज्ञान विपरयों के प्राचीन मबस्तर शीघ्रह्मी प्रका-
शित हो रहे हैं । जो महाद्य इनक स्थायी ग्राहक बनना चादे वे एक
रुपिया भेजकर स्थायी ग्राहक श्रेणी में अपना नाम लिखवा लें , जिससे
उनसे मेरी तरफसे छपनेवाली हरएक पुम्तकें पौनी किमतसे मिल जायँगी |
शीघ्र ही प्रकाशित होंगे-
गणितसारसंग्रह- श्रीमद्वावीराचार्य विगचित, इसका हिन्दी घर
बाद, उद्ाहग्ण-समेन खुलामा यार किया गया दहै।
भुबनदीपक सदीक-- त्रीपप्प्रमसृगिप्रणीत मूल झौर श्रीसि-
हतिलफसूरिक्ृत टीका के सा+ हिन्दी अनुवाद समेत) यह प्रश्न-कुडली
प'से पनेक प्रकारके शुभाशुभ फलजाननेऊा भत्युत्तम ग्रय है |
पास्तुसार ( शिल्पशास्त्र )- परमनैन श्रीव्यर-फेर विरचित
प्राक्ृतमावा बद्ध ओर हिन्दी प्रमुताद समेत इसमें मफान मदिर ग्रतिया(मूरि)
श्रादि बननेका अधिकार विवेचन पूर्वक क्रिया गया है |
चैलोक्पप्रकाश- श्रीदेमप्रनसूरि प्रणीत यह जातक ताजक हथा
समस्त वर्ष में सुकाल दृष्काल प्मादि जानने का बहुत विस्तार पूर्वक खुल्ला-
ताबार है|
इनमे अतिरिक्त उपरोक्स विषयक प्रय तैयार हो रहे हैं ।
पुस्तक मिलनेका पता-
प॑, भगवानदास जैन
पेठिया जैन प्रिंटिंग प्रेस
घीकानेर (राजपूतामा)
User Reviews
No Reviews | Add Yours...