जीवनादर्श एवं आत्मानुभूति | Jeevnadarsh Evm Aatmanubhuti

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Jeevnadarsh Evm Aatmanubhuti by स्वामी अड़गड़ानन्द - Swami Adagadanand

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about स्वामी अड़गड़ानन्द - Swami Adagadanand

Add Infomation AboutSwami Adagadanand

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
विषय जब घर में निवृत्ति नहीं है तो रहना क्‍यों? भजन की पराकाष्ठा क्‍या है? क्या भगवान मिलते हैं? क्या ब्रह्म शून्य है? निशाचर का स्वरूप क्‍या है? क्या गॉजा पीने से ध्यान में सहयोग मिलता है? यथार्थत सनातन धर्म क्‍या है? अवध का स्वरूप (अवध तजे तन नहि ससारा) मुक्तिदात्नी सरयू कहों प्रवाहित होती है? श्वास-प्रश्वास क्‍या है? नर-तन का स्वरूप? कामघेनु एव कल्पवृक्ष की स्थिति? क्या अध्यात्म में युद्ध अनिवार्य है? अमृत-वर्षा का प्रभाव निशाचरों पर क्‍यों नहीं पड़ा? “उर प्रेरक रघुवश विभूषण”-किस स्थिति में भगवान प्रेरणा करते हैं एवं किस विडम्बना में माया? मानस का वास्तविक स्वरूप क्या है? वह कौन-सा सेतु है, जिसके दर्शन से मानव भव-पार होता है? जब जलचर सागर से बडे थे तब रुके कहाँ? क्या बाह्य तीर्थों का कोई महत्त्व नहीं है? वह कौन-सा मंत्र था- “जाते लाग न श्षुधा पियासा।” अवतार का वास्तविक स्वरूप? सगुण एव निर्गुण उपासना क्या है? प्रातः एव सन्ध्याकालीन वन्दना का महत्त्व? अवतरण-विधि- अवतार किस प्रकार होता है? राम का वास्तविक स्वरूप- राम का वास्तविक स्वरूप क्या है? कया राम की मूर्ति-पूजा निरर्थक है? मानस में नारी का स्वरूप- क्या गोस्वामी तुलसीदास ने मानस में नारियों को हेयदृष्टि से देखा है? नारियों को समांन अधिकार- नारियों के समान अधिकार क्या हैं? निसिचरि एक सिन्धु महँ रहई युगधर्म? स्वार्थ- स्वार्थ के रहते परमार्थ कैसे होगा? शिक्षा और विद्या- विद्या क्या अनावश्यक है? विद्या के पश्चात्‌ क्या विवेक की आवश्यकता है? क्या हृदय के भीतर का संकेत ही विद्या है?




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now