होमियोपैथिक भेषज - लक्षण - संग्रह भाग - 1 | Homiyopaithik Bheshaj - Lakshan - Sangrah Bhag - 1

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Homiyopaithik Bheshaj - Lakshan - Sangrah Bhag - 1   by महेशचन्द्र भट्टाचार्य - Maheshachandra Bhattacharya

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about महेशचन्द्र भट्टाचार्य - Maheshachandra Bhattacharya

Add Infomation AboutMaheshachandra Bhattacharya

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ऐसिड वेनजोयिक। श्श्‌ े शक्ति ।--३ रो से ३० क्रम तक व्यवहार श्रावी है। धुडी खाँची के सिवा भौर किसी रोगमें वार बार प्रयोग सना है । क्रियाका स्थायित्व । १४ से ४० दिन । ऐसिड बेन्जोयिवा | ( &0709 छ8छएफ्000% ) दूसरा नास 1---लोहवान या वैज्ञोयिन नामक धूनैकी तरह पदार्थ शेपसे ऊर्दपातन करनपर यह्द उत्पन्न हीता है। इसका चर्णा रेकिहफायड स्पिरि- अमें गल जाता है । लक्षणकी अनुसार प्रयोग [--यह नोचे लिखे रोगोंमें लाभदायक है। दमाया शास रोग, सुताधारकी बहुत-सोी बोमारियां, जागुदेशका दर्द और सूजन; अतिसार; अनजानमें पेशाव हो जाना ; भ्ांखमें छोटे छोटे अर्ुद फी वरहके उद्लेंद ; भमेह्ठ; वावरह्ा+ आमवाव; मापक-दीप-युज्ञ धात॒की _( 87000० ) बहुत-सी बीमारी; गलेका जखम; जीभका जखम ; वाल, सूल अख्यिके जखस ; पेशावकी बहुत-सो बीमारियां $ ससे इत्यादि। उपयोगिता और आभास ।---पमैह या उपदंग विपसे दूषित चातुके साथ यदि किसे रोगमें वावक्षा दोष मिल गया हो तो उसपर यह दवा बहुत लाभ करती है। इसका निदेशक लक्षण है-बहुत लाल रहका श्रौर बदबूदार पेशाब । ' लक्षणावली । सन |--बच्चा बहुत चिड़चिड़ा और क्रोधो; उसे हमेशा यदि गोद लेकर स्तन पिलाया जाये तो बहुत प्रसन्न रहता है। लिखनेके समय अक्षर . या बात छोड़ जावा है। मानसिक अवसाद । संस्तक (-सरमें चक्कर ( कैनाब कोना; ) मालूस होता है सानो बगलमें गिर जायगा,--खासकर सख्याके समय कनपटोके बगलकी धमनीमें टंपक जैसे दर्दकी वजहसे कानसें मानो वाला बन्द हो जाता है। कोई चीज निगलनैके समय कानमें कितनी दी तरहवी मिली हुई आवाज 'होतो है। कानको पौछेके स्थानकी सूजन ( कैसिकम ) | जोभमें जलम । संवेरेके समय जोभपर सफेद लेप चढ़ा छुआ रहता है| 155




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now