बीर बिनोद | Bir Binod

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Bir Binod by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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महाराणा अमरसिंह २. ] वीरविनोद., [ बांसवाड़ा ओर रामपुराकी बाबत खुत-७४७ ५0, १७८८ आशिवन कृष्ण ३० 5 ई० १७०१ ता० ३ सेप्टेम्बर |. # हाथी गजशोभा नाम, तलवार नग ७ घोड़ा ४२, सर्ज याने जीन ' कीमती ₹० ४१२५१॥-॥. साबरी ९ घोडेके २, जम्घर जड़ाऊ जम्धर 9कीमती रु०१४८१ ॥. पाखर वगैरह, कामकेमए अतलसी गिलाफ्‌, जम्धर सोनेके सामानके, कीमती रू००००... कीमती रु०१०५९. कीमती रु० ४२५ तरक, कीमती रु० 2० ०- जीन सुनहरी, रपहरी, | झूलछ, कीमती रु० ९१. सरचंद, कीमती रु० १५९३... पायजामा साबरी, कीमती रु० ५००, | |! कीमती रु० ४५. | ३ ( |) (1 ( !. 1 कक 3. हे हज उक | २६- वजीरका खत, रावल अजबसिंहके नाम, | जल | बराबरी वारॉमें उम्दह राबठ आजबसिंह नेक नियत रहें, इन दिनोंमें बुजुर्ग . . खानदान राणा अमरसिंहके लिखनेसे आर्ज़ हुआ, कि उस सदारने भीलवाड़ा वग्रह + २७ गाबोंपर, जो डांगलके जिलेमें राणाके सहंदी इलाकैपर हैं, ओर जिनकी - बाबत राणा एक सहजर उनके बाप रावछ कुशलसिंह ओर डूगेरपुरके . जमींदार रावछ खुमानसिंहके हाथको रखता है, वेफायदह दावा करके जुल्म | और दसरूल़ दे रक्खा हे. यह बात बादशाही दर्गाहमें बहुत खराब माठ्म होती हे, ओर हुक्मके मुवाफिक्‌ लिखा जाता है, कि इस कागजके पहुंचतेही . >पकलनमररनअटाप तन... जे के. कन्‍« बल उन >>. » -- 8.६ >->त :>-2क्‍०->म- 1७ -म अलअथन्‍तज ख 77 शणाके इलाकेपर बेजा दरूछ न करे; इस मुंआमलेमें हुजरको तरफसे सख्त , ताकीद समझे. ता० २५ जिल्काद सन्‌ ४६'जु० झा+ [हिजी १११३१ ले . , विक्रमी १७८९ वैशाख कृष्ण १३ ८ ई० १७०४ ता० २३ एप्निल |. | ' जा > सनक | | २७-- नव्वाब शायस्तहरवांकी रिपोटेका खुलासह, ता० १शश्रत्रान | सन्‌ ४७जु० आ० [हि० १११४ - बि० १७५९ पोष शुक्र ५ ' - ई० १७०२ ता० २४ डिसेम्बर ]. . मा क्‍ सुबृहके वक्त राजा इस्लामखांने मालवेके सूबेदार नव्वाब शायस्तहखांके पास <& प्र पुल काल जल 5 5 1 26 नमक सन पल आन मानक जग तिल नवमी कटरा पा कक «कमी. ऑल लिन 172३४ ०४४ £ जे 1 कर फ््ि की:




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