साहित्य शिक्षा मन्जरी | Sahitya Shiksha Manjari
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
128
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रकाशकीय-निवेदन
सजनोना करकमठछमां अमे आ त्रीजु ग्रन्थरत्न मुकतां आनन्द अनुभवीए
छोए, आ प्रन्थनी संकलना विद्वान् मुनिमहाराज श्रीधुरन्धरविजयजी महा-
राजे करो छे. तेओश्री तेमना सवतोमुख पाण्डित्यनो छाभ जनताने आ संस्था
द्वारा आपे छे, ए आा संस्थनु सदभाग्य छे, धीरे धौर न्याय व्याकरण-ज्योतिष्
बगेरे विधयना तेओश्रीए बनावेला विशिष्ट ग्रन्थों अमे आपनी समक्ष मुकवा
भाग्यशाली थइए एम इच्छोए छीए.
आ ग्रन्थनी उपयोधगता अने तेमां जाव्रता विषयोनी समज प्रस्तावनामां
सुन्दर राते बतावी छे वाचको प्रस्तावना वाचवापूवेक ग्रन्थनु अवगाहन करशे
तो तेमने विशेष मजा पडशे मुद्रणदोपे थयेछो अश्ुद्विओ, शुद्धिपत्रक्मां
प्रमाणे मुधारी वांचचा भलामग छे
रसीयाओ रसनो आस्वाद लेवा माटे आ ग्रन्थने पण रसपूर्वक वांचे,
विचारे ने आखर अनन्त रससागरमा लीन थइ जाय एज,
अम्िकाषा साथे विरभिए छीए भसे आपना
केंशरीचन्द्र हीराचन्द झवेरी, नेमचन्द मोतिचन्द श्वेरी
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&। तेभमन। धरम परनी साइश्द्भीशाए ५०) श।६& साजरथं६ हे*॑५६
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