ऐलेन्स कीनोटस | Elensh Kinotus
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
494
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand); शेगारिकस मल््के रियस रद
समूची देह नाचने लगती है , समूची देहका काँपना ( चेहरे-
को पेशियोंकी ऐ ठन--माइरोल ) ।
ऐसा अनुभव होता है, मानो वरफ छुगया है या वरफकी
तरह टण्डी सुद्याँ चर्मम चुभोयो जा रही है, मानो गरस
सुद्र्यां गडायी जा रहो है।
शरीरके बहुत-से अशोंम , कान, नाक, सुखमरठल, हाथ
और पैरोमें जलन और खाज , वे अश लाह, फुले और गरम
रहते हैं। खडे रहनेपर ।
चाल अनिशित , रातमें पडनेवाले प्रत्येक पदार्थये ठोकर
खाता है , उसे ऐसा दर्द अनुभव होता है, मानो किसेने
मारा है।
पोठकी रोठमें स्पर्श सहन नहीं होता ( थेरिडियन ) ,
सबवगेके वक्ष बदतर हो जाता है।
दर्द, कटि और त्विक-प्रदेशमें यत्रणा, धीमा घोमा दर्द,
यह दिनमें परिश्रम करते समय और बैठे रहनेपर होता है
( जिड्म ) बहुत व्यादा रतिक्रियाके कारण मेरुदण्डमें उपदाह
( बलि-फास ) समसके बाद स्रायविक अवसमतता । फोडाफुन्सी
दब जानेकी वजइसे झूगी रोग ( सोरिनम सल्फर )।
प्रत्येक बार हिलने-डोलने, हरेक बार देहको घुमाने पर
मेरुदडमें दर्द, होता है। इरेक मोहरा ( कशेरुका) को
छनेपर दर्द होता है।
गर्भाशयवी स्थान चआू:ति; वय सखिकालके पहले , नौचेकी
तरफ खिचावका दर्द करोब करोौब असच्य होता है ( ऐस्टिस-
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