न्याय विनिश्चय विवरणम | Nyaya Viniscaya Vivarana (vol-iii)

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Nyaya Viniscaya Vivarana (vol-iii) by महेंद्र कुमार जैन - Mahendra kumar Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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न्न 6 का # भारतीय ज्ञानपीठ काशी स्व॒० पुण्यश्छोका माता खूतिंदेवीं की पवित्र स्पृत्ति में तत्छुपुत्न सेठ शान्तिप्रसाद जीं द्वारा संख्थापित 5 ७ २५ ज्ञानपीठ घूतिदेवी जन ग्रन्थमाला इस ग्रन्थमाला में प्राकृत संस्क्रत अपश्रंश हिन्दी कन्नड तामिलछू आदि प्राचीन भाषाओं में उप- रूब्य आंगमिक दाशेनिक पोराणिक साहिलिक ओर ऐतिहासिक आदि विविध-विपयक जैन साहिय का अजुसन्धानपूर्ण सम्पादन और उसका मूल और यथासंभव अनुवाद आदि के साथ प्रकाशन होगा । जैन भण्डारों की सूचियाँ, शिलालेख- संग्रह, विशिष्ट विद्वानों के अध्ययनग्रन्थ ओर लोकहितकारी ते री जैन साहिट्मग्रन्थ भी इसी ग्रत््थमालछा में प्रकाशित होंगे।. 0५ 2 (५४//,१८ न न [5 1५१ ग्रन्थमालासम्पादक ओर नियामक ( संस्कृत विभाग )-- 3 दष्डड| पड <ड कम की, ९ जैन, न्यायाचारये, जैन-प्राचीनन्‍्यायतीरं आदि वोडदशूह्मश््ापिक, संस्क्रत महाविद्याह्य-हिन्दू विश्वविद्यालय, काशी । संस्कृत ग्रन्थांकू ३ प्रकाशक--- अयोध्याप्रसाद गोयलीय, मत्री, भारतीय ज्ञानपीठ काशी ढुर्गोकुण्ड रोड, बनारस सिटी । मुद्कक--ओोमप्रकाश कपूर, ज्ञानमण्डर यत्ञालूय, काशी । स्थापनावद ८ विक्रम स॑० २००० फाल्णुन कृष्ण ९ ( सवाधिकार सुरक्षित 5 धीौरनि० २४७० 14 फरवरी १९४४ )




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