दूषणोल्लास | Dushaṇollasa

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Dushaṇollasa by गोविन्ददास - govinddas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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| पर ही | ही ) भूमिका पद इतिहास के प्रायः सभी' ग्रन्थों' में कवि के. इसी जीवन-वृत्त की; पुनरा- वृत्ति की गई है। (ख) रचनाएं गोविन्ददास या रसिक गोविन्द की तीन कृतियों का उल्लेख खोज- विवरणों में मिलता है--(१) रसिक गोविन्दानन्दघन (२) अष्टदेश की भाषा (३) युगल रस माधुरी ।* किस्तु आचार्य रामचन्द्र दुक्ठ ने इनकी ९ रचनाएँ बतायी हैं तथा और भी होने की सम्भावना का उल्लेख किया है।* ये ९ ग्रन्थ इस प्रकार हैं-- १. देखिए-- (क) 'हित्दी साहित्य का इतिहास'--आचायं रामचन्द्र बुव्ल--प० रृरनरइुण (ख) “हिन्दी साहित्य का वृहत्‌ इतिहास षष्ठ भाग, (रीतिकाल) सम्पादक--डा० नगेन्द्र । प्रथम संस्करण-सं० २०१५ वि०, पू० ३७२-७ (नागरी प्रचारिणी सभा-प्रकादान ) । (ग) “हिन्दी भाषा और साहित्य का इतिहास”--आचायं चतुरसेन। प्रथमावृत्ति--१९४६ ई०, पु० ३२६-२७। (घ]) “हिन्दी साहित्य का इतिहास'--डॉ० रामशंकर शुवल 'रसाल' प्रथमावृत्ति--१९३१ ई०, पु० ५०८ (ड) हिन्दी काव्यशास्त्र का इतिहास'--डा० भगीरथ मिश्र । प्रथम आवृत्ति, सं० २००५ वि०, प्‌० १७२। (लखनऊ विदवविद्यालय-प्रकादान ) । स्प्राचीन हस्तलिखिंत पोधथियों का विवरण”-- (१९०६, १९०७, १९०८) की रिपोर्ट । आचाथं नलिनविलोचन दार्मा--बिहार राष्ट्रमाषों- *परिषद्क' _ ..... .. * नै कट कक “हिन्दी साहित्य का इतिहीस”--आंचार्य रामंचन्द्र शुक्ल ।




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