संकीर्तन संगीत भाग 12 | Sankirtan Sangeet Bhag 12
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
256
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about रमाकान्त पाण्डेय - Ramakant Pandey
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( ५) संक्रीतन सगीत
नक कक क कत 1.1.11...
तुलसी सो सव माति परमहित पूज्य प्राणते प्यारे ।
लासो हेय सनेह राम पद ऐसो मतो हमारो ॥ ४ ॥
& २-पूज्यपाद् १० रश्रीखामी रामतीथंजी
` ® महाराज ®
राम दीरथ छोड़कर घख़ार जय जाने लगे |
ख्री के नयन छम छम नीर बरसाने लगे ॥
चस पत््रता ने स्वामी राम फे पाड गह]
पकड़कर दामन पती का शब्द उसने ये कहे ॥।
नाथ अपनी दीनदासी पर यह किरपा कीजिये ।
साथ रखकर बुभ मी सेवाका मौका दीजिए ॥
राम जव बनको गये थे साथ थी उनके सिया ।
श्राप मेरे राम हैं फिर कयों मुझे पीछे किया ॥
तब स्वामी राम तीथे ने कहा कुछ बात है।
साथ ले जाना नहीं तुझे कि औरत जात टै ॥
तमको परसे और पिसर से और जूर से प्यार है ।
बस इसी कारण मेरी प्यारी मेरा इन्कार है ॥
तब कहा देवी ने जो छुछ है गयां देती हूँ मैं !
झापकें सदके मैं सारा धन जुटा देती हूँ मैं ॥
सम्पति को ए पति ! आतिश लभा देही हूं मैं ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...