सुश्रुतसंहिता | Sushrut Samhita

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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माधवनिदान टीकाकार--आखुर्वेदाचार्य, कपिराज प० दीनानाथ शास्त्री वैध्राचरफति सशोधक--विपय विशेषज्ञ श्रायुरवदाचाय, कविराज पूर्णानन्द जी निम्नलिखित विविध विशेषताओं सहित मूलपाठ, मूलपाठ का हिन्दी मर अनुवाद, मधुकोश ससकृत व्याख्या, मधुकोश व्यारया का हिन्दी श्नुवाद, विस्द्वत हिन्दी वक्तत्य, हिन्दी मे विशद्‌ विवेचन, निदनोक रोगो के विभिन्न भाषाआ म॒नामो का निर्देश, विशिष्ट टिप्पण, पाठाम्तर लक्षण सहित, सानुवाद परिशिष्ट सह्दित, मृलश्लोकों पर विपयसूचक शीपेक, इलोको के 'आंगे उनके सह्िता प्रन्थ का प्रमाण, मधुकोश व्यारया म॑ असाण रूप से दिये हुये प्रथों वा प्रन्‍्थकत्ताआ के नामी का निर्देश ओर विशेष रोगों पर पाश्चात्त्य इण्कोण का भी सम्यक प्रकार से आलोचन क्या गय। है । दो भागो में मूल्य १२) एथक भाग भी मिल सकते है। पहला भाग--अश्मरी निदान तक ४२) दूसरा भाग--पमेदरेग निदान से अन्त तक. ७॥&) सुश्नुतसंहिता ( शारीरस्थान ) अनुवादक-- डाक्टर भास्कर गोपिन्द घाणेकर छप रहा है। आवश्यक चेतावनी सुशुतस द्विता सूत्र निदानस्थानात्मर अथम भाग ओर शारीरस्थानाप्मक द्वितीय भाग दीनों के धुनमु दशादि कापीराईट के सब अधिकार मेहरचन्द्र लक्मझदास के पास सुर्क्षत हैं। डाक्टर घारीकर पे पास कोई अधिकार नहीं। जो भी बोई इसके विरुद्ध इन प्रन्थो के छापन वी चेष्य करेगा उसके विरुद्ध कानूनी कार्रथाई की जावेगी | के मेहरचन्द्र लक््म्णदांस र्‌ द्रियागज, दिल्ली |




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