आयुर्वेदीय क्रिया शारीर | Ayurvediya Kriya Sharir
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
47 MB
कुल पष्ठ :
932
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विपय
अति कृद्द को होनेंवालें विकार
रसज रोग
रमज रोगो का उपचार 5
वाइैसवाँ अध्याय
रक््तकण
विशुद्ध रक्त का स्वरूप
नवीन मत से शुद्ध और अशुद्ध रक्त
क्ष्रकण और उनका कार्य
चक्रिकाएँ
रतरस ड़
रक्त का उत्पत्तिस्थान
रक्त के कार्य
रुधिर के कार्य नवीन मत से
रक्त का प्रमाण
रक्तक्षय के लक्षण
रकत-वृद्धि के लक्षण
रक्त के प्रकोपक कारण
रकत-प्रकोपज रोग ५
रकत-प्रकोपज रोगों की संख्या
रक्त-दोषज रोगों का सक्लेप् मे उपचार
वातादि दूपित रक्त का स्वस्प
जीवरक्त और पित्त में भेंद
विशुद्ध-रक््तवान पुरूष
रक््तमार पुरुष का लक्षण
तेइेसवाँ-अध्याय
रक्त की श्वास क्रिया द्वारा शुद्धि
नासिका में सचार करने वाले प्राण
और अपान (टि० )
रस और रक्त का चक्वत् भ्रमण
प्रवास और उच्छवास
ध्वासरोध
शुद्धवायु-सेवन
ब्वास क्रिया की दर
ब्वास सस्थान के अ्रवयव
क्लोम के प्रतान
फुप्फुसो में वायुओ का विनिमय
( झ)
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२१६
२०
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२१
२१
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ग्रर
भरे
विपय
ऊन्ऊुस
ब्वासपठल न
इवासपटल का कार्य--अ्रश्वास का
सपादन
उदर गुहा के वायु का फुप्फुसो पर
दवाव
फुप्फुसो की आ्रावरणी कला
हृदय और उसकी क्रिया
हृदय के स्फुरण का कारण स्वय
हृदय है (टि०)
हृदय के श्रन्य कार्य
हृदय के स्वरूप का विशेष वर्णन
कोप्ठो में रधिर के भ्रमण का क्रम
हृदय, फुप्फुस़ तथा शरीर में रक्त के
अ्रनुधावन का चक्र...
हृदय के सकोच और विकास का क्रम
घमनियों तथा उनकी गाखाझञो हारा
शुद्ध रुधिर का शरीर में वहन
कंशिकाएँ
मिराऐँ
घमनी के रकतस्राव में प्राथमिक
चिकित्सा
यकृत् में रक््तशुद्धि
प्लीहा
चौबीसवाँ अध्याय
के स्फुरण से धमनियों में
स्फुरण
शरीर के सुख-दु ख का हृदय पर
प्रभाव
शरीर के सुख दुख का धमनियों
पर प्रभाव
नाडी परीक्षा से वातादि का ज्ञान
सुश्रुत में नाडी परीक्षा का मूल
(टि० )
नाडी-परीक्षा में दो सम्प्रदाय
प्रथम सम्प्रदाय से नाडीपरीक्षा
छ्प्ठ
2२४
२४
४२२
रर२५्
५२७
४२६
7१३०
प्र३०
५३१
श्रे२
श३े२
शेड
शरेव
४३६५
५३७
५३७
रेप
भरे
नरे९
३६
प्र््०
पड०
रद १
शेर
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