हड़ताल कल होगी | Hadatal Kal Hogi

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Hadatal Kal Hogi by अभिमन्यु अनत - Abhimanyu Anata

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

Author Image Avatar

इनका जन्म 9 अगस्त1937 को हुआ था,ये मॉरीशस के कथा साहित्य सम्राट हैं । मॉरीशस के उत्तर प्रान्त में स्थित त्रियोले गांव इनका जन्मस्थल है, इन्होंने कई वर्षों तक हिंदी अध्यापन का कार्य किया व तीन सालों तक युवा मंत्रालय में नाट्य कला विभाग में नाट्य प्रशिक्षक रहे । इन्होंने अपनी उच्च स्तरीय हिंदी उपन्यासों और कहानियों के द्वारा मॉरीशस को हिंदी साहित्य में मंच पर प्रतिष्ठित किया।

Read More About Abhimanyu Anata

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पेंटिग्स देखने के लिए बुला लिया था | उस वक्‍त अमित ने उस दावत की आसानी से स्वीकार कर सिया था, पर जाने के समय वह सहम-सा गया था । वयूविप के उस इलाके को तो, जहा जानीन का घर था, अमित बहुत अच्छी तरह जानता था, लेकित एक गोरे के घर जाने की बात और वह भी उसकी लड़की से मिलते अमित को किसी क्ूजेड में जाने से कम नहीं लगा | फिर अमित को सयाल आया या कि माहस का अनाव तो उसे इससे पहले कभी नहीं हुआ*** किर उसका निर्णय*“'अगर कभी नहीं हुआ तो कभी नहीं होगा । और यह वहा पहुंच ही गया था । जातीन॑ की कचुली याद को मस्तिप्क से मिटाकर वह यूनियन बसे गतिविधियों के बारे में सोचना चाह रहा था। उमर सभी वुछ संत्रस्त और अस्त-व्यस्त-्मा लग रहा था | वुछ स्थिर नही हो पा रहा था। उसे लगता कि बुछ मुद्दों पर सरकार की हमदर्दी मजदूरों मे अधिक जमीदारों और मिल मालिकों की ओर हो गई थी । व्यवस्था को नीति स्पष्ट नहीं हो पाती और घुृधलके में यूनियन का काम कठिन होकर रह जाता। आठ महीनों से चीनी उद्योग के मालिको का एक ही उत्तर जब तक रेंगता हुआ चला आा रहा था मामले पर व्विचार क्रिया जा रहा है। मामले पर विचार किया जा रहा है'*'एक वार मामले पर विचार किया जा रहा है'''दो बार मु मामले पर विचार किया जा रहा है'*'तीन वाट वायदें की परतो पर परतें जमी चली गई थी। क्षाठ महीने से विचार होते चले आ रहे हैं ॥ दीनी उद्योग संघ के प्रधान नें अमित के लगातार फोन के जवाब में फोन पर यताया था कि विचार जारी है। उसमे भी तीन मद्दीने होने को थे । होड़ तेने वाले मूनियन थी ओर से गांवों में अफवादे फैला दी गई थी छि मजदूरों को जुछठ भी भहीं मिलने का । सोगों को इसका यकीन हो जाएं, सके! लिए यह़ाए” कर दिया गया था कि अमित उधर में बहुत भारी रकम खारर भः है | इस बात छो लेकर ईस फै सेती और वारखानों में थी। हहनात बल होगी | २७




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now