हिन्दी रत्नाकर | Hindi Ratnakar

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Hindi Ratnakar by श्यामसुन्दर - Shyamsundar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[ शेर ] पहली विद्याए--“विहारिणी ! भला कह तो, यह वीर कैसे गिराया गया ?_ क्या उसके हाथ म लोद्दे की कमात्त नहीं थी ? क्‍या उसका साहस क्षीश हो गया था ? आश्चर्य | जिस प्रथ्वीराज फे भुजबल# से अनेक बार यवन समूह परानित हुआ है, उसका यह परिणाम है !? दूसरी विद्याधरी--“विलासिनी ! यदि भाई का भाई शत्रु न ह-यदि शैलबासिनी& सरिता ही शद्ध को न तोडे _ती_ भला दूसरा क्‍या कर सकता हैं ९ छः प० विद्या०--/क्या किसी भारतवासी का द्वी यह काम हे !? दू० विद्या०--“हाँ, पृथ्वीराज के श्वसुर जयचन्द्‌ का? प्रदन अभ्यास के लिए -- १०-दूसरी विद्याघरी से धथ्वीराज का रणभूमि में मरता सुनकर पदली विद्याधरी क्या शका करती है ? स्पष्ट बतलाओो । २--पहली विद्याघरी की शका का किस प्रकार समाधान होता है ? ३--डक्त गय का उपयुक्त शीपक्र क्या हो सकता है ? रचना के लिए -- १--उक्त गद्य का साराश सरल भाषा में स्पष्ट करो । २--रेखाकित पर्दों क्षी विस्तृत व्याग्या करो | ३--साइस' के ऊपर एक लेख लिखो |




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