स्कन्द पुराण | Skand Puran
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
47 MB
कुल पष्ठ :
464
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
जन्म:-
20 सितंबर 1911, आँवल खेड़ा , आगरा, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत (वर्तमान उत्तर प्रदेश, भारत)
मृत्यु :-
2 जून 1990 (आयु 78 वर्ष) , हरिद्वार, भारत
अन्य नाम :-
श्री राम मत, गुरुदेव, वेदमूर्ति, आचार्य, युग ऋषि, तपोनिष्ठ, गुरुजी
आचार्य श्रीराम शर्मा जी को अखिल विश्व गायत्री परिवार (AWGP) के संस्थापक और संरक्षक के रूप में जाना जाता है |
गृहनगर :- आंवल खेड़ा , आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत
पत्नी :- भगवती देवी शर्मा
श्रीराम शर्मा (20 सितंबर 1911– 2 जून 1990) एक समाज सुधारक, एक दार्शनिक, और "ऑल वर्ल्ड गायत्री परिवार" के संस्थापक थे, जिसका मुख्यालय शांतिकुंज, हरिद्वार, भारत में है। उन्हें गायत्री प
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)॥स्कन्द्पुराण ॥
)। माहेशर खंड ॥
१-दक्ष वृतान्त वर्णन
3० नारायण नमस्कृत्य नरचेव नरोत्तमम् ।
देवी सरस्वतीचेबव ततो जयमसुदीरयेत् 1१।
यस्याज्ञयाजगत्खष्टाविरिश्चिःपालकोहरिं: . ॥।
सहर्त्ता कालरुद्राश्योनमस्तस्म पिनाकिते 1२५
तीर्थानामुत्तम तीर्थ क्षत्राणाछ्षेत्रमुत्तमस् ।
तत्व नेमिषारण्येशौनकाञास्तपोधना: ॥
दीघेसत्र। प्रकुवेन्त: सत्रिणः कर्मचेतसः ।३।
तेषासस्दर्शनौत्सुवयादागतो हि।&. महातपाः ।
व्यासशिष्यो महाप्राज्ञोलोमशोना मना मत: ॥४।
तत्रागतं ते दहशुमु तयो दीघ सत्रिणः ।
उत्तस्थुयु गपत्सवे साध्येहस्ता: समुत्सुका: ।५॥
दत्त्वाउध्यंपाद्य सत्कृत्य मुनयोवीतकल्मषा: ।
त॑ पप्रच्छुमंहाभागाः शिवधर्मसविस्तरम्॒॥1६।
भगवान श्री नारायण की सेवा में नमस्कार सर्मापत करके नरों
में उत्तम नर को प्रणाम करके तथा देवो सरस्वती की बन्दना करके
इसके पश्चात् जय शब्द का उच्चारण करना चाहिए ।॥१॥ जिसकी
ग्राज्ञा से विरश्चि इस जगत का सृजन करने वाला है--हरि (श्री विष्णु)
इस जगत के पालक हैं श्रोर काल रुद्राख्य संहार किया करते हैं उन
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