प्रवचन माला आध्यात्मिक आलोक | Pravachan Mala Aadhyatmik Aalok
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
144
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about नानालालजी महाराज - Nanalalji Maharaj
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सुख-प्राप्ति का साधन : ३
नहीं मिल सकती है.। ५
आज -का चितक, आज का विचारक और आज का युवक वज्ञा-
निक उपलब्धियों को देखकर चकित हो रहा है और सोच रहा हैं. कि
विज्ञान कहां से कहां पहुंच गया। आज विज्ञान ने दुनिया को नाप लिया
है और सोचता है कि इस संसार में वही सब. कुछ है ॥ आत्मा भ्रोर
परमात्मा की वार्ता तो धर्मस्थानों तक ही सीमित है । .लोग सोचते हैं
कि हमको तो विज्ञान की ओर बढ़ने में ही सुख मिलेगा, धर्मस्थानों की
ग्ोर जाने से नहीं ।
इस प्रकार की भ्रांत धारणा एवं गलत विश्वास आधुनिकता
- के लक्षणों के साथ-साथ आज के वायुमण्डल में व्याप्त-से हैं। यही -कारण
है कि आज के मानव को जिस महत्त्वपूर्ण स्थान पर योगदान करना
चाहिए, वहां तो वह नहीं कर- रहा है और जहां शक्ति के उपयोग-“को
आ्रावश्यकता ही नहीं, वहां वह- शक्ति से- भी अधिक कार्य कर रहा है ।
वह सोच रहा है कि मुझ को अमुक स्थान पर कुछ-न-कुछ मिलेगा ।
परन्तु उसे इस प्रकार कुछ भी सुख-शांति प्राप्त होने वाली नहीं है ।
आज .जितना विज्ञान का विकास हुआ है, क्या मानव को उतनी
आत्मशांति भी मिली ? या केवल शभ्रशांति ही प्राप्त हुई ? आप - अपने
अन्त:करण को टटोलिए । आप कस्तूरी-मृग' की तरह: अश्रमित न होइए -।
मृग तो पशु कहलाता है। उसमें मानवीय बुद्धि का. अभाव है1- आत्म-
शक्ति के समान होने पर भीःविकास- के योग्यः जो बौद्धिक माध्यम होना
चाहिए, वह उसके पास- नहीं है_। वह मानव के पास -ही है । फिर भी
आज का मानव इसका दुरुपयोग कर रहा है। वह इसके सढपयोग की
तरफ लक्ष्य नहीं दे रहा है । -
जसे कहीं पर आग लगी है और आग को बुभाने-के लिए
कोई व्यक्ति हल्ला मचा रहा: टे कि यहां आग लग. रही हे । वह उस को...
बुभाने के लिए पानी की खोज भी करता:है । किन्तु-वह नाचता-कृदता .
आग के पास जाता है और -उसे शांत करने के लिए पानी का-प्रयोग तो नहीं
User Reviews
No Reviews | Add Yours...