पूर्वी और पश्चिमी दर्शन | Purvi Aur Pashchimi Darshan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20 MB
कुल पष्ठ :
308
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२४ विषय-सूची
डिमोक्राइटस का परमाणुवाइ-प्लेयो का जातिप्रत्यववाद--अरस्तू ।
हॉब्ज--डेकाट का यंत्रवाद-स्पिनोज़ा--लाइबनिज्ञ--छूम और
काण्ट--हीगल, प्रयोजनवाद का चरम उत्कष--द्नन्द्ात्मक जड़वाद--
वैज्ञानिक यंत्रवाद, डार्विन-स्पेन्सर--हैकेल --बर्गसाँ, सजमात्मक विकास-
वाद--नव्योत्कान्तिवबाद, एस० एलेक्जेश्डर ; लॉयड मागन--
स्मटस का समष्टिवाद -- तुलनात्मक दृष्टि | ( प्र० १०७-१७० )
अध्याय ४--अ्रध्यात्मवाद
विषय-प्रवेश--अध्यात्मवाद की परिभाषा--विज्ञानवाद और
बार्कले -नागएजन और ब्रेडले--सवित्शाम्रीय अध्यात्मवाद-अद्वैत
वेदान्त ; ब्रह्म ( आत्मा ) की विन्मयता और स्वयंसिद्धता ; प्रपश्च-
विषयक मत ; पश्चिमी अध्यात्मवाद से भेद ; शकर और हीगल ।
( प्र० १७१-२१४ )
अध्याय ५--नीतिधमे और साधना
विप्रय-प्रवेश योरप और भारत में नीतिधम का विकास; भारतीय
नीतिशास्र मोज्ञध्म पर आधारित -योरपीय नीतिशासत्र--श्रनुभूति
वादी नीतिशाखत्र--लक्ष्यवादी सिद्धान्त, सुखवाद ; विकासवादी सुख-
बाद ; अभ्यात्मवादी नीतिशासत्र। भारतीय नीतिशाखत्र ; वेंद-मुलक
तथापि व्धिष्णु ; श्रादेशात्मक तथापि लक्ष्यवादी ; व्यक्ति-प्रधान नहीं ;
अहंता का विलय ( भारत ) और व्यक्तित्व का पोषण ( योरप )--
जीवन्मुक्त का आदशं, मोक्ष ; लोक-संग्रह - मोक्ष का आदश अभा-
यात्मक नहीं--योरपीय मनोबृत्ति ( आधुनिक ), विकासवाद का
प्रभाव--मोक्ष की साम्प्रतिक ग्राह्मता । ( प्र०. ११४५-२४५ )
उपसंदयार ( प्र० २४६-२५० )
परिशिष्ट (क) चीनी और इस्लामी दर्शन ( प्० २४१-२८४ 2)
परिशिष्ट (ख) मौलिक दर्शन का उदय कैसे हो? (पृ० २८६-३००)
सहायक ( उद्धत ो। की सूची | ( 7० ३०१-३०५ )
४.
अ्रनुक्रमणिका , (् पृ० ३०६-३०७ )
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