पूर्वी और पश्चिमी दर्शन | Purvi Aur Pashchimi Darshan

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Purvi Aur Pashchimi Darshan by देवराज - Devraj

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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२४ विषय-सूची डिमोक्राइटस का परमाणुवाइ-प्लेयो का जातिप्रत्यववाद--अरस्तू । हॉब्ज--डेकाट का यंत्रवाद-स्पिनोज़ा--लाइबनिज्ञ--छूम और काण्ट--हीगल, प्रयोजनवाद का चरम उत्कष--द्नन्द्ात्मक जड़वाद-- वैज्ञानिक यंत्रवाद, डार्विन-स्पेन्सर--हैकेल --बर्गसाँ, सजमात्मक विकास- वाद--नव्योत्कान्तिवबाद, एस० एलेक्जेश्डर ; लॉयड मागन-- स्मटस का समष्टिवाद -- तुलनात्मक दृष्टि | ( प्र० १०७-१७० ) अध्याय ४--अ्रध्यात्मवाद विषय-प्रवेश--अध्यात्मवाद की परिभाषा--विज्ञानवाद और बार्कले -नागएजन और ब्रेडले--सवित्शाम्रीय अध्यात्मवाद-अद्वैत वेदान्त ; ब्रह्म ( आत्मा ) की विन्मयता और स्वयंसिद्धता ; प्रपश्च- विषयक मत ; पश्चिमी अध्यात्मवाद से भेद ; शकर और हीगल । ( प्र० १७१-२१४ ) अध्याय ५--नीतिधमे और साधना विप्रय-प्रवेश योरप और भारत में नीतिधम का विकास; भारतीय नीतिशास्र मोज्ञध्म पर आधारित -योरपीय नीतिशासत्र--श्रनुभूति वादी नीतिशाखत्र--लक्ष्यवादी सिद्धान्त, सुखवाद ; विकासवादी सुख- बाद ; अभ्यात्मवादी नीतिशासत्र। भारतीय नीतिशाखत्र ; वेंद-मुलक तथापि व्धिष्णु ; श्रादेशात्मक तथापि लक्ष्यवादी ; व्यक्ति-प्रधान नहीं ; अहंता का विलय ( भारत ) और व्यक्तित्व का पोषण ( योरप )-- जीवन्मुक्त का आदशं, मोक्ष ; लोक-संग्रह - मोक्ष का आदश अभा- यात्मक नहीं--योरपीय मनोबृत्ति ( आधुनिक ), विकासवाद का प्रभाव--मोक्ष की साम्प्रतिक ग्राह्मता । ( प्र०. ११४५-२४५ ) उपसंदयार ( प्र० २४६-२५० ) परिशिष्ट (क) चीनी और इस्लामी दर्शन ( प्० २४१-२८४ 2) परिशिष्ट (ख) मौलिक दर्शन का उदय कैसे हो? (पृ० २८६-३००) सहायक ( उद्धत ो। की सूची | ( 7० ३०१-३०५ ) ४. अ्रनुक्रमणिका , (्‌ पृ० ३०६-३०७ )




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