आत्म विज्ञान प्रकाश | Aatm Vigyan Prakash
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
90
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(३) ॥ हुवे घीजू लेश्या हार कहे हे ॥। लेर्या ६ ना नाम | फृप्णलेश्या १ नीललेश्या २ कापोतलेर्या ३ तेजोलेश्या ४ पमलेश्या ५ शुक््लेग्या ६ नारकी तेउ वाउ बंद्री तें ्ी चौंरिंशे । ए ६ दके प्रथम ३ लेश्या । तियंचपचेन्द्रियने । मनुष्य ने ६ लेश्या । १० भुवनपति व्यतर प्रथ्यी पानी पनम्पती । ए चार दढके | प्रयम ४ लेश्या । योंतिपी । तया सौंवर्म ईशान देवलोफे । एक तेजो लेश्या । नीजे चोथे पाचमे दय लोके । पदम लेस्या । छड्ा देय लोक थी ऊपरान्त सघले शुक्र लेश्पा ॥ २ ॥ ॥ हुवे जीजू गरीर डार 0 शरीर ५ ना नाम कहे छे। श्ौदारीक शरीर ? वै्रीय शरीर २ आादारर शरीर ३ तेजम शरीर ४ कार्मण शरीर ५ नारकी । दश भुवनपति व्यतर यौतिपी । बैमा- खिक । ए चड दुडके यणएय शरीर । बैक्नीय तेजस कार्मण प्रथ्दी पानी झग्नि यनस्पती मेंद्री सेंद्री चउरिंद्री । ए सात दडये यणएय शरीर । ्रौदारीरूं तेजस फार्मण । याथु काय तियंच-पचचेंद्री ए ये दडके थ्ाहारक पिना- चार शरीर । मनुष्यने पाच शरीर ॥ ३ |
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