श्री श्री गणेश महिमा | Shri Shri Ganesh Mahima

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Book Image : श्री श्री गणेश महिमा  - Shri Shri Ganesh Mahima

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्री श्रीगणेश महिमा / 25 गया जी की पथरी, चुनार का नककाशीदार लोटा | वस, उसके बाद उन्होंने फिर कभी लड़कियों को घाद नहीं किया 1 गुलाल को देखकर सरयू रोपडी थी। पीहर का आदमी मिलने पर रोने का ही रिवाज है। नही तो यह लगता है कि ससुराल आकर लड़की पीहर को भूल गयी। लेकित सरयू दिल से ही रोगी थी। कहती थी, “कितनी दूर रहती हैँ, मुलाल ! काले कौओं से भी खबर नहीं लेते तुम लोग !” गुलाल ने धीरज बंघाया था और कहा था, “कितना बढ़िया घर-वर मिला है। कितनी सुन्दर दिख रहो हैं ये मकई की वालियाँ,घी भरा मर्तवान, घेर मे भेस, निखरा हुआ यह रूप तुम्हारा, कोख रोशन करने बाला लडइका--यही सब तो लड़कियों के लिए परम सुख है, दीदी ! रोती




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