शब्दार्थ तत्व | Shabdarth Tatva

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Shabdarth Tatva by डॉ० शोभाकान्त मिश्र -Dr. Shobhakant Misr

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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२ [बदार्थ-सत्त्य शब्द और अर्थ की पूर्वापर स्थिति के सम्बन्ध में भी फुछ प्रश्न 36 से गत दें और. उनका उत्तर अनेक रूपों में ढढने का प्रयास किया गया है |. घूस सम्बन्ध में परस्पर विरोधी दो टूरगामी मत उपलब्ध हैं । एक आर जहां शब्द का ब्रह्म माने कर अर्थ को उसका विवर्त माना गया है वहाँ दुसरी ओर अर्थ की पु्व-स्थिति स्वीकार कर शब्द को उसे प्रकाशित करते. का साधन-भर माना गया हैं । एक विद्वान ने यह आक्षेप किया है कि शब्द को अथ का पूवगामो मानना गाड़ी को छोड़ के आगे रखने जैसा है । भाषा के व्यवहार-पक्ष को ध्यान में रख तो दो पक्षा से इस समस्या पर विचार किया जा सकता हैं । भाषा का प्रयोग करनवाला पहले अपने मन में किसी अर्थ को ग्रहण करता है और उस अर्थ को भाषिक रूप देकर उसे व्यक्त करता है।. भाषा का.प्रयोग वह अर्थ के प्रतीक के रूप में करता जब भाषा नहीं बनी थी तब लोग उसके स्थान पर संकेत के सहार अथ का व्यक्त करते थे। आज भी गंगा व्यक्ति संकेत .से ही अर्थ व्यक्त करता है। किसी भाषा का अधरा ज्ञान रखनेबाला व्यक्ति जब उस भाषा में अपने विचार और अपनी अनुभूतियों को व्यक्त करने लगता है तो उसे संकेतों का सहारा ला पड़ता है। इसके विपरीत श्रोता पहले शब्द को सुनता है और तब उसके संकेतित अर्थ को ग्रहण करता है। इस प्रकार वक्ता की दृष्टि से अथ पहले आता है और शब्द उसके बाद तथा श्रोता की दृष्टि से शब्द पहले आता है और अध उसके उपरान्त । . किन्तु शब्द और अधे का यह पौर्वापयं भाषा के उच्चरित स्वरूप और उससे बोध होनेवाले अथ की स्थूल दृष्टि से है । . हम देखेंगे कि भाषा-दर्शन के मनींषियों ने. भाषा के भाषित स्वरूप. से आगे बढ़कर उसके सूक्ष्म स्वरूप वा परखने का प्रयास किया है। लोकमुख से उच्चारित होनेवाली बेखरी भाषा के सध्यमा परइयन्ती और परा इन क्रमिक सक्ष्मातिसक्ष्म रूपों की कल्पना की गयी है और यह सिद्ध करने का प्रयास किया गय। है कि उस सूक्ष्म अवस्था में भाषा भर अथ अभिन्न हैं । इस सन्दभ में मूल समस्या यह है कि शब्दार्थ का तात्पर्य कया है ? शब्द और मिथ के पारस्परिक सम्बन्ध . शब्दाथ॑ के स्वरूप आदि के निरुपण का प्रयास अनेक 1 सिफाफ्टपिहापर5 - -सल्टणावीवा 0 वी रिलाएफ - रिघ 512 80% .... 0४९ एक इफुलवी काठ 8ुल्वटी। लव. घाएप्र्ी--भपंटी। 15 (811१7 का 0 गुपपणा पिंड ८8 लावा 2 फिट 056 पट हां टाठदां पाए 10 ई _ क्षि फिट धीटटा लाध्वति्ट पीट 09प82-- प्राशिकाा दाता एप्रघ्छ€ घततँ ि।ट 2067 पर यार पाक नरक दर एप किन कप ०




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