इटली के विधायक महात्मा | Italy Ke Vidhayak Mahatma

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Italy Ke Vidhayak Mahatma by रामदास गौड़ - Ramdas Gaud

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(२३ 2), रोममे वम्मीसभा हुई जिसमें पॉपको ““अखट प्रमाग!” मार्ननेका पिश्वय हुआ | असाढमे उसी बरस इटलीने पापकी स्थि[सतो- पर चढाई की और भादोंमें राममे इटलीको सेनाने प्रवेश मिया। आंप्रही जनताकी रायसे रोम पोपके अधिकारस निकलकर इटलीके राज्यम सम्मिलित हो गया | आईनद्वाग पापके वम्मे- मालिर ओर इठली-राज्यका सम्बन्ध निश्चय हो गया! तबसे यद्यपि पापके अलौकिक अधिकार ही रह गये तथापि सरकार- की ओरसे उनके साथ भेत्नीका बत्तीय रहता आया है। पोपकों सम्मान पूर्वचत्‌ बना हुआ ह | इटलीका अन्तिम माग्यविधाता गजा विझटर उमनुएल १९२७ वि०के माधके मददीनेमें अपनी प्रजाकी शोकसन्नप्त छोड स्वर्ग सितारा । १६ दिन पाछ पोप नवे पियृपर भी जिन्होंने राजाके मरते समय आशीवोद भेजा था स्थ राजाऊे अनुगामो हुए । राजाका बेटा हम्बट गद्दीपर बठा । ल० १२३ ८म बह अम्भेपीर गरिबराल्टी जिसने इठलीकी खतत्रताके मंटेका रामम गाडा था स्वगंवासी हुआ । इटलीफा राज्य वैरे रे अम्मा पालिसिटके ढगपर बन गया | देशमें नयी स्थापना निर्मित्त नहीं चलने पायी | मत्रि- मडलकी भूतोंसे जनताके सक्तोमझ्ले कारण उत्पन्न दोते गये । अन्तत स० १२४७में राजा हम्बरटकी हत्या हुई । गदीयर उनके पुत्र उत्तेमान तृर्तीय व्िक्टर इमनुएल बेठे । पेप नव्म $




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