इटली के विधायक महात्मा | Italy Ke Vidhayak Mahatma
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
324
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(२३ 2),
रोममे वम्मीसभा हुई जिसमें पॉपको ““अखट प्रमाग!” मार्ननेका
पिश्वय हुआ | असाढमे उसी बरस इटलीने पापकी स्थि[सतो-
पर चढाई की और भादोंमें राममे इटलीको सेनाने प्रवेश मिया।
आंप्रही जनताकी रायसे रोम पोपके अधिकारस निकलकर
इटलीके राज्यम सम्मिलित हो गया | आईनद्वाग पापके वम्मे-
मालिर ओर इठली-राज्यका सम्बन्ध निश्चय हो गया! तबसे
यद्यपि पापके अलौकिक अधिकार ही रह गये तथापि सरकार-
की ओरसे उनके साथ भेत्नीका बत्तीय रहता आया है। पोपकों
सम्मान पूर्वचत् बना हुआ ह |
इटलीका अन्तिम माग्यविधाता गजा विझटर उमनुएल
१९२७ वि०के माधके मददीनेमें अपनी प्रजाकी शोकसन्नप्त
छोड स्वर्ग सितारा । १६ दिन पाछ पोप नवे पियृपर भी जिन्होंने
राजाके मरते समय आशीवोद भेजा था स्थ राजाऊे अनुगामो
हुए । राजाका बेटा हम्बट गद्दीपर बठा । ल० १२३ ८म बह
अम्भेपीर गरिबराल्टी जिसने इठलीकी खतत्रताके मंटेका रामम
गाडा था स्वगंवासी हुआ । इटलीफा राज्य वैरे रे अम्मा
पालिसिटके ढगपर बन गया |
देशमें नयी स्थापना निर्मित्त नहीं चलने पायी | मत्रि-
मडलकी भूतोंसे जनताके सक्तोमझ्ले कारण उत्पन्न दोते गये ।
अन्तत स० १२४७में राजा हम्बरटकी हत्या हुई । गदीयर
उनके पुत्र उत्तेमान तृर्तीय व्िक्टर इमनुएल बेठे । पेप नव्म
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