भौतिक और रसायन | Bhautik Aur Rasayan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
204
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १७ )
गरम पानी क्रा तापक्रम न्ज्ब००
मिथण का तापक्रस >्+33 ३१ (7
इस लिये ठढ पानौ के त|पक्रम कौ हड्धि अब अंक ए
ओर गरम पानी के तापक्रम का पतन पन्58?(:
गरम पानी की दी हुईं गरसी 5८ 245 > 038 टवो0765
ब्| 166 6 ८॥07165
इस गरसी ने केवल ८७४।००४८८४/ के पानो हो को गरस
नही किया है वरन् ८४०००८८४ को भी गरम किया है।
परन्तु चूकि 37 870 पानो 42 ० गरम होने के लिये इस
गरमो में से 37% 4 2 ८४।०:४८५ अर्थात् 755 4 ८०|०४९७५ लो
है, इस लिये ०४०7शा८८० ने 4 2”? ८ गरम होने के लिये
166 6--158 4 ०७॥०1165 अर्थात् 11 2 ८०४०11९5 अवश्य ली
चोगी। प्रस लिये ८४1००ँ़८८८० 1 ८ गरम होने के लिये
गए ८००1९5 अथौत् 2 9 ५७1०7९5 लेता है। यह गरमी
29 871 पानो के तापक्रम को 77 ० बढा देगा। इस लिये
८४४०४॥1८८८० का समशक्तिक पानो अथौत् वह अतिरिक्त
पानी जो 1 ० गरम होने के लिये उतनो हो गरमो लेगा
जितनी कि ८७1०४॥॥९(८० खय 1 0 गरम होने के लिये
सेगा, 27 8ए है।
(छ0्ता1शाढ- की ली ष्हुड़े गरसी का विचार
करके ठोस वस्तु का आपेक्षिक ताप शुद्धता
के साथ निकालना ।
यदि तुमको ८४०1एा८८४ के समशक्तिक पानो का
यरिसाण समालम हो तो तुम्हें भ्रापेचिक ताप के लिये णो फल
्
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