मेरी कविता मेरे गीत | Meri Kavita Mere Geet

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : मेरी कविता मेरे गीत  - Meri Kavita Mere Geet

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पद्मा सचदेव - Padma Sachadev

Add Infomation AboutPadma Sachadev

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पहाड़ियों ने औरतों की तरह सजकर चारों तरफ घेरा डाला हुआ है गोदी में बस्तियाँ बसी है मानो सृष्टि ने पड़ाव डाला है भरने प्रसन्नता में सराबोर हैं दूर से ही छलाँगें लगाते आ रहे हैं छोटे-छोटे बच्चे रेवड़ के रेवड़ पशु चरा रहे हैं मेमनों का एक रेवड़ घूम रहा है जम्मू, चंवा और अखनूर में मन करता है उड़ती कूँजों की उड़ान वॉघ लूँ पहाड़ की आवाज आत्मसात कर लूँ मेरी कविता : मेरे गीत श्र




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now