मेरी कविता मेरे गीत | Meri Kavita Mere Geet

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Meri Kavita Mere Geet by पद्मा सचदेव - Padma Sachadev

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पहाड़ियों ने औरतों की तरह सजकर चारों तरफ घेरा डाला हुआ है गोदी में बस्तियाँ बसी है मानो सृष्टि ने पड़ाव डाला है भरने प्रसन्नता में सराबोर हैं दूर से ही छलाँगें लगाते आ रहे हैं छोटे-छोटे बच्चे रेवड़ के रेवड़ पशु चरा रहे हैं मेमनों का एक रेवड़ घूम रहा है जम्मू, चंवा और अखनूर में मन करता है उड़ती कूँजों की उड़ान वॉघ लूँ पहाड़ की आवाज आत्मसात कर लूँ मेरी कविता : मेरे गीत श्र




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