नवीन पद्य संग्रह | Naveen Padaya Sangraha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
15 MB
कुल पष्ठ :
237
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about भगवती प्रसाद बाजपेयी - Bhagwati Prasad Bajpeyi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( २३ )
यदपि कोई उत्कृष्ट ग्रग्थ नहीं लिखा; तथापि हिन्वी की उन्नति में आपका
श्र छतम तथा व्यावद्वारिक हाथ रहा है। अभ्युद्य' का जब जन्म हुआ था,
'तब प्रारम्भ में आप द्वी उसके मुख्य संपादक थे । हिन्दी-साहित्य-सम्मेलन
के जन्म से लेकर अब तक उसे एक आदशे संस्था बनाने में आपका मुख्य
रूप से करावलंब रहा है। कानपुर-सम्मेलन के अवसर पर आपने सभापति
की हेसियत से जो भाषण दिया था, हिन्दी-साहित्य के विषय में आपकी
विद्वत्ता उससे स्पष्ट कलकती है । विद्यार्थी-जीवन में आपने कई पुस्तकें लिखी
थीं, उनमें एक राजनीतिक व्यंग्य-काव्य भी था। टंडनजी एक प्रभावशाली
बक्का, राष्ट्रधम के अनुयायी, देशभक्त और संयुक्तप्रान्त के रत्न हैं |
पंडित माधव शुक्ल
जन्म सवत् १६३८ वि०, जन्म-स्थान प्रयाग है, किंतु आजकल ये
'कलकत्ते में रहते हैं । शुक्कजी ढ्विंदी के राष्ट्रयय कवि हैं ; क्योंकि आपकी
रचनाओं में देशभक्ति की प्रचुरता है । आपने भारत-गीताआजलि, मद्दाभारत-
'नाटक, स्वराज्य-गायन, सामाजिक चित्रदपण तथा राष्ट्रीय तरइ्डः आदि
अनेक कविता-पुस्तकें लिखी हैं | इसके अतिरिक्त आपने महाभारत सी, श्री
राधेश्याम जी कथावाचक की रामायण के ढ्ठ पर, हाल ही में लिखा है |
आप संस्क्रत, अक्नरेज्ञी, बह्ला तथा गुजराती का भी ज्ञान रखते हैं । आप
हिंदी के श्रेष्ठ कवि, गायक और नाटककार हैं |
पंडित गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'
जन्म श्रावश शुक्त १३ संवत् १६४० वि०, निवास-स्थान हडहा ज़िला
उन्नाव है। इनका उपनाम 'सनेही” तथा 'त्रिशुल' है | सनेहीजी इस काल
कि कक में के हर ९
के खड़ीबोली के श्र ठ्टतम कवियों में हैं | हिंदी के अतिरिक्त आप उदू में
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