वंशानुक्रम विज्ञान | Vanshanukram vigyan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Vanshanukram vigyan  by श्रीशचीन्द्रनाथ सान्याल - Shri Shacheendra Nath Sanyal

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about श्रीशचीन्द्रनाथ सान्याल - Shri Shacheendra Nath Sanyal

Add Infomation AboutShri Shacheendra Nath Sanyal

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
हा चशालुम्म विज्ञान फैसे हुआ करती है, इन सयर बातों के कोई नियम हें अथया « नहीं १ जीउ का जम कैसे हुआ करता है? जम के पूर्व हम यह जान सकते हें अथवा नहीं कि लड़का पैदा द्वागा अयवा लडको ? इसके भी कु नियम हैं अथया नहीं? हम अपने इच्छातुसार पुत्र प्रथवा फाया को जन्म दे सस्ते हैं अयपा नहीं १ यदि पिता का रद्द साँवला और माता का गीया ही, हो उनरी सन्तान के रह्न कैसे होंगे ? शिशु क्सि माता पिता से उत्पल हुआ है, इसकी क्या पहचान है १ किस रोग मे हम पूर्वजों से शाप्त करते हैं और फ्सिके महीं ? सिफलिस (गर्मी) की बीमारी हम धूर्वजा से प्राप्त करते हैँ । परागलपन अथवा बहरापन क्नि रीतियों से वशजों में उत्पन्र होते हें ? पुरुष के बीये स॑ और मरी के शोरित में क्या-क्या है? लड़ी से लडम और लडके से लडमी बन सकती है अयया नहीं? जैसे बगीचे का माली पौधों से धीज सम्रद्द करता है और फिर अपने इच्यामुसार उन बीजों से फिर पौधे उत्पन करता है, वैसे ही मलुष्या था वीर्य भी समद्द करके रक्‍्सा जा सस्‍्ता है, अयवा नहीं १ पुरुष और ख्री का सयाग हुए पिना भी यात्रा को सद्दायता से सुरक्षित बी द्वारा अभीप्सित सम्तान उत्पत वी जां समती हैं, अथवा नहीं ९ सम्ताए उत्पादन की शक्ति म रहने का क्या अर्थ है ? अ्रशोपचार अयथाप्‌ नश्तर द्वारा सन्तान उत्पादन की शक्ति नष्ट बी जा सडवी है, अथवा नहीं ९ निकट सम्पन्धियों मं तियाद का सम्नघ हाव से क्या द्वानि और लाम देा सस्वा है ? एर द्वी व्यक्ति वा आधा अड्ज पुस्ष का और शआपा नायीे का हो सकता है, अबया नहीं ? इत्यादि का ज्ञान वशालुकम विज्ञान से प्राप्त द्वा सझता है। एक विषय या ज्ञान प्राप्त करते समय दूसरे विषय के ज्ञान के साथ परिचित हो जानय आपरयर हा जात है। इस ग्रशार एड रिज्ञान से दूसरे रिज्ञान की उत्पत्ति हावी रदइवो है। वरशपरम्परा मे गुण ३.




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now