प्राचीन पंडित और कवि | Pracheen Pandit Aur Kavi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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दे... प्राचीन पंडित छर कवि वन ....... के अनुसार भवभूति का समय राजशेखर से छुचछ ही पहले; दे _झथात्‌ झाश्म शताब्दी के झारंस में, होना भी सिद्ध है।. .. हैपेचरित में जिन कवियों के नाम दिए हैं, उनमें भदभूति ..... का नाम न दिया. जाना भी बाण के झनंतर स भू का... होना सिद्ध करता है । न डक भवभूति ने सददादीरचरित, मालतीमाधव आर उत्तर- हि ...... रामचरित--ये* तीन नाटक लिखे हैं। इनमें से अंतिम में .. ...... श्लौर पहले के दोनों नाटकों में किचित्‌, विशेष रुप से उसने ..... झपने जन्मस्थान झादि का बृत्तांत लिखा है । महावीर्चरित _. . में झपने विषय में जो कुछ भवभूति ने लिखा है, दह यह है-- मा .'. “झस्ति दक्िणापथे पद्मपुर नाम नगरमू । तत्र केस“ ह क ते त्तिरं ीयिणः काश्य पाश्चरणशूुरव+ पंक्तिंपावचनाः पंचास यो ...... 'छतब्रताः सोमपीथिन उडस्बरा ज्ह्मवादिनः प्रतिवर्सन्ति | ९ . तदासुष्यायणस्य तत्र भचतों बॉजपेययाजिनों मददाकदेः पंचम. . खुभ्रद्योतनाझ्लो सड़गोपालस्य पौत्रः प्ि्रकीरसेनीलिकंटरया _ त्मसम्मघचर श्रीकंडपदलाछुनों भ भूतिनाम जातूकर्णी पुत्र . कै .. रैंडॉक्टर भांडारकर सिखते हैं कि शाज़ घर-पद्धति में--. निरवद्यानि पद्यानि यदि नाटयस्य का क्षति: सिक्षकक्षविनिक्षिप्त: किसिक्ष नीरसो भवेत्‌ दा गा पु चत होता नह नादकों के अतिरिक्त और भी कोई श्रन्थ यॉकि थ. यह श्कोक ग द््न तीनों पुस्तक में नहीं पाया जाता




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