उत्तराध्ययन सूत्र | Uttaradhyan Sutra

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Uttaradhyan Sutra  by पंडित श्री घेवरचंद जी बांठिया -pandit shri ghevarchand ji banthiya

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about पंडित श्री घेवरचंद जी बांठिया -pandit shri ghevarchand ji banthiya

Add Infomation Aboutpandit shri ghevarchand ji banthiya

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
निवेदन उत्तराध्ययन सूत्र की यह बच्वया्थ युवत नई आृति प्रकाशित की जा रही है । इसके पूर्व तीन आवृत्तियां भावार्ष युक्त थी । वे सामान्य स्वाध्यायिओं के लिए तो अति उपयुक्त थीं और उनका भादर भी सर्वेत्र हुआ था। किन्तु जो भव्यात्मा अधेयुवत सीखना चाहते हैं, उनके लिये तो अस्वयार्थ ही उप हो सकता है। इसकी माँग ओर आग्रह भी था बतएव संवार पं. श्री घेवरचन्दजी सा. बॉठिया 'बीरपुत्र' द्वारा अनु- 1दित और श्रो अगरचन्द भैरोंदान सेठिया जैन पारमाधिक्त धस्था बीकानेर से प्रकाशित उत्तराष्ययव की आवृत्ति झप सका प्रकाशन किया जा रहा है । इसकी लागत ७) र. प्रति है, किन्तु उदारमता घर्म- >्धुओं की उदार महायता से क्रम मूल्य रु. ५) रखा है ! काग्रज भत्यधिक पंहगा है, महँगा ही नहीं, अलम्य भी हो गया है । प्राप्त करने में कितनी ही अड़चने खड़ी हुई और हो रही है यह भुवतभोगी जानते हैँ । सच्चाई का निर्वाह करता असंभत्र हो गया है। मिले उप्त भाव, विर्ना बोजक या अल्प रकम के वीजक से लेना पड़ता है। स्थाहों आदि सामग्री भर पारिश्रमिक भी बढ़े हुए हैँ। ऐसी विकट स्थिह्ि में




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now