काव्य मीमांसा | Kavaya Mimansha

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : काव्य मीमांसा  - Kavaya Mimansha

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रामचन्द्र शुक्ल - Ramchandar Shukla

Add Infomation AboutRamchandar Shukla

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
[ २ | यद्यपि अच्छी हैं, तथापि विद्यार्थियों के लिये सरल ओर खुबोध नहीं । कुछ प्रायः प्राचीन-शैली की ही हैं, हां कुछ गद्या- त्मक होकर उनसे कुछ सरल हैं। इसी से इसमें इस बात का पूरा ध्यान रकखा गया है कि यह दुर्वोध विषय; यथासाध्य विद्याथियों का स्ंथा स्पष्ट हो सके । समस्त कठिन स्थलों के समझाने का पूरा प्रयत्न किया गया है। उदाहरण देकर उसे समभाते हुये उससे ही अभीष्ठ अलड्भार का लक्षण निकलवाया गया है। प्रथम लक्षण देकर उदाहरण में उसे खोजने और भटकने की जटिल परिपाटी का अनुसरण नहीं किया गया। समस्त आवश्यक बात विद्याथियों की खुविधा के लिये, स्थान स्थान पर कुछ बड़े अद्ारों में दिखलाई गई हैं जिससे विद्यार्थियों का वे याद करने के लिये शीघ्र मिल जाँय। प्रत्येक. अलंकार के नीचे उसकी परिभाषा दोहे में भी दे दी गई हे, जिससे विद्यार्थी यदि उसे चाहे तो याद कर सके । इसमें उदाहरणों की अनावश्यक भरमार नहीं की गई, क्योंकि ऐसा करने से विद्यार्थी बहुत कुछ बहक जाते हैं। केवल छुन्द का वही अंश उदाहरण के रूप में व्यक्त करके रक्खा गया है, जिसमें अलड्जार का लक्षण पूर्ण रूप से घटित या चरितार्थ होता है। एक लक्षण के शुद्ध-रूप का प्रदर्शित करने वाले उदाहरण वास्तव में बहुत ही कम मिलते हैं । अधिक तो ऐसे ही मिलते हैं, जिनमें कई अलइ्जार देखे जाते हैं ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now