बाराम्बरी | Barambari
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
388
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)समानृ-पुत्र निर्ेज्ज अपस्त निष्प्रम मभिनेता?ै
मनु मन में कोन अघ आँघो भर देता?
मुझसे भी क्या मित्रमण्डछो सुखदायों है?
वास्स्पामन-नम में क्यों यहू वदलों छाई हू?
शूम्र मारती! बाण-नयन में दर्शन मर दो
अन्तस्तर में सरछ अप्ठसा-चिन्तन भर दो
कितना में रोक प्रवाह को? गति ही गति है
सास-प्यास-परिहासयुक्ता यह केसी मति हू
निर्मेयता के नाग-दश से सन-मन ब्याकुछ
रह रह प्राण प्रकम्पित व्यम्य-यगररू में घुस-भल
यष्ड यादर्छो के सेंग चन्द्र कहाँ छिप जाता?
कोन राहु अन्तराकाप्त में सम फ्खातारी
पुत्र न हुआ सुपुञत्र कहीं छो क्या कुछ-महिमा
यदि पुनीत भावना महीं ठो ब्यर्थ मघुरिमा
वश-दोप प्रजम्बक्तित रहे कामना जनक को
घारण गरे हस क्यों पकिस पाँखे यक कोरे
मरश-पूर्व प्रमिस माता सुत-स्वप्न-जयी थी
शछित लाससा यशोराषि से स्फीतमयो थी
मेंने बचन दिया था पुत्र महान बसेगा
तिमिस-हरण के छिए ज्योति का बाण घनेगा
कु
प्रथम शलर्ग
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