स्थानाग सूत्र | 1913 Sthanaang Sutra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
21 MB
कुल पष्ठ :
1251
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विपय सूची ५
५६९, तत्वयुगल,
बन्ध और मोक्ष,
पुण्य और पाप,
आश्रव और सवबर,
वेदना और निजेंरा,
६०, क्रियाओं का द्वविध्य,
६१. गहा के दो भेद,
६२ प्रत्यार्यान के दो भेद,
६३ मोक्ष के दो साधन,
६४. केवलि-प्ररूपित धर्म का श्रवण, बोध्रप्राग्ति, अनगार दशा,
ब्रह्मचय पालन, शुद्ध सयम पालन, आत्म संवरण और मत्ति
अत आदि पाच ज्ञात की प्राप्ति दो स्थानों के जाने बिना
यथा त्यागे बित्रा नही होती ।
६५. केवलि प्ररूपित धर्म का श्रवण, बोधप्राप्ति, अनगारदशां,
त्रहाचर्य पालन, शुद्ध सयम-पालन आत्मसंचरण और मति-
श्रत आदि पाच ज्ञान की प्राप्ति दो स्थानों के जानने और
त्यागन से ही होती है।
६६. केवलि प्ररूपित धर्म का श्रवण, बोध प्राप्ति, अनगार, ब्रह्म-
चर्य पालन, झुद्धओसयम पालन, आत्मसंवरण, और मलि-
श्रत आदि पाच ज्ञान की प्राप्ति दो स्थानों के आराधन से
ही होती है।
६७. दो प्रकार का समा (समय),
६५, दो प्रकार का उन्म्राद,
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