तीर्थकर वर्धमान महावीर | Tirathkar Vardhman Mahavir
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
124
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१९
महावीर-स्तवन : आशाधर सूरि
(पदाकुलक राग)
* सनन््मति जिनपं सरसिज वदनं ।
संजनिताखिलकर्मकमथनं - ॥
पद्मसरोवर मध्य गतेद्ध ।
पावापुरि महावीर जिनेन्द्र ॥१1॥ पद्म०
वीर भवोदधि पारोत्तार ।
मुक्ति श्रीवधु नगर विहारं ॥२॥ पद्म०
द्विद्वदिशक तीर्थपवित्र ।
जन्माभिपक्ृत निर्मल मगातन्र ॥1३॥ पद्म०
वर्धभाननामाख्य विशाल ।
मानप्रमाणलक्षण दशतालम् ॥४।॥ पद्म०
शत्रुविमधन विकट भठवीरं।
इष्टैशवर्य धुरी कइूतदूरं ॥५॥ पद्म०
कुंडलपुरि सिद्धार्थभपालं ।
तत्पत्नी प्रियकारिणि वाल 11६॥| पद्म०
तत्कुलललिन विकाशित हुंस॑ ।
घातपुरोधातिक. विव्वंस 11७1 पद्म०
ज्ञान - दिवाकरलोकालोक॑ ।
निर्जित कर्माराति विशोक॑ दा पद्म०
बालत्वे संयमसुपालितं ।
मोहमहानलमथन विनीत॑ ॥९॥ पद्म०
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