पद्मपुराणम् भाग - 2 | Padm Puran Bhag - 2

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Padm Puran Bhag - 2 by पं पन्नालाल जैन साहित्याचार्य - Pt. Pannalal Jain Sahityachary

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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स्व० पुण्यश्कोका माता मूर्तिदेवीकी पवित्र स्टृतिमें तत्सुपृत्र साहू शान्तिप्रसादजी द्वारा संस्थापित , भारतीय ज्वानपीठ मूर्तिदेवी जेन-गन्थमाला बुन्दनदेदेन्दुन्दुन्दुन्दुन देन देन देन देन देन दुन दुन दुन भू भुंनदुन्‍ बन £ संस्कृत ग्रन्थाह् २४ २ दुन्दूंन्देन्देगचुल्‍्दुन्दुन्दुन दस दुन्चुन दुनदु दू* भू भू भू भू> दू* थु० दूँ इस भअम्थमालामें प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, हिन्दी, कन्नड, तामिक भादि प्राचीन भाषाओमें उपलब्ध आगमिक, दाशनिक, पोराणिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक जादि विविध-विपयक जैन साहित्यका अनुसन्धानपूर्ण सम्पादन और उसका मूछ और य्थासम्भव अनुवाद आदिके साथ प्रकाशन होगा। जैन भण्डारोंकी सूचियाँ, शिलालेख-सग्रह, विशिष्ट विद्वानोंके अध्ययन-अन्थ और लोकहितकारी जैन-साहित्य ग्रन्थ भी इसी जा कम अन्धसालामें प्रकाशित होगे । फ् अन्थमाला सम्पादक प्रकाशक डॉ, हीरालाल जैन, अयोध्याप्रसाद गोयलीय एम० ए०, डी० लिटु० 5 मन्नी, भारतीय ज्ञानपीठ डॉ, आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये, | ८ जोश पिंड बाराज्सो एम० ए०, डी० डिट॒० । अजील लत 9 न ८3० १ २१०० 2०५०००३१००२+०5०५ 5 ५ १०८25 ५ ० 333 2५०० 2२०५० + 202५2५>५>. चाबूः 1] . मुद्रक :--घाबुलाल जन फामुन्न, सन्‍्मति मुद्रणालूय, डुगांकुण्ड रोड, वाराणसी ७ ९ थ३ + 4४ ७७ + २७ + ३३१५७ + पक १+ ५२५७ ०९६७ + धाक-+ शक + उक ९ ३-० २०० ५ ध:0 + शक १ २ाक ९ सह +++आ४7+७+ ७५.४९ + थाट ५+१+ सा ५4७4 4७ + शक ९ सका ९4५ + सके स्थापनाव-द फाल्युन कुंप्ण ६ घीर नि० २४७० 2 न्स्जलल जड़ सपा शिकार चिक्रम स॑ं० २००० सर्वाधिकार झुरक्षित (३ पे ३ (' ८ फरवरी सर | के




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