हिंदुस्तान का एक्ट मियाद समाप्त | Hindusthan Ka Act Miyaad Shamapt

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Hindusthan Ka Act Miyaad Shamapt by राय मथुराप्रदास - Ray Mathuraprasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जकर मायाद्‌ १६ नजर में आबे बामारी का उजूर मियाद के अन्दर अपील न पेश करने के वाले काफी समझा जावेगा मगर उध के बारे में सबूत बहुत जोरदार होना चाहिये (श्र व 7, जिल्‍्द २ सफा ४५१ ) एक नालिश बेदखली में मुद्दायलेह की तरफ से यह उज़ुर पेश किया गया कि उप्त ने जमीन हिस्सेदार की हैसियत से जोता पत्त ऐसी सूरत में उज्धर निसबत हक्षिपत के तसौब्यर करना चाहिये इस लिये अर्पील बञदालत डिस्ट्रीक्ट जज के होगी--मंगर यह अरपपाल साहेब कमिश्तर की अदालत में दायर की गई और सदहदिब मौसूफ ने वह अपील डिस्ट्रीक्ट जन की अदालत में पेश करने के वास्‍्ते वापस किये लेकिन यह मियाद के बाहर पेश की गई मगर अदालत ने अन्दर मियाद सममकर मजूर किया-हाई कोर्ट की यह तजबवीज करार पद कि अदालत मतिहत ने अपीछ मजूर करने में बहुत दुरुत्त कार्रवाई की--( श्र, छा. ज॑ जिल्द ४ सफ़ा १) कुछ गलती की वजह से किसी गढत शहम का नाम चतौर रि्पडिन्ट के शामिल किया गया शोर इस गलती की दुरुस्ती मियाद श्रपीत फी गुजरने के बाद की गई लेन अर्पाल की सुनाई के पेरतर-तजबीज हाई कोर्ट करार पाई कि अपील वाजिब तौर पर अन्दर ।मयाद रजूः की गईं गो उसकी दुरुस्ती मियाद के बाहर की गई-(अझ वी नोट जिल्द ८ सफा ७५८ ) गलत नेकीनीयती को वजह में एक अपील गत शस््स फी तरफ से पेश की गई--अपीछ की मियाद गुजर जाने के बाद सही रुप्स को बतौर अपीलांट फे दाखिल करने में इस दर्का के यमूजिय ऊपर लिएी फिल्म की गल्नती बतौर काफी सबन के समझी जायेगी ( के वी, नोट जिक्र 9 सका ५८ ) जब कोई मवक्षित मुकदमा की जास्ताबार कारवाई के बोरे में झपने परी की सलाह क्यूल करके धोसा में झाजाने और इस यजह से मुफरर मियाद ४ बे भीतर झपीत पेश न कर सके तो वह इस दफा का फायदा पाने का दइृफ्दार हगा ( ३, सा, है, झलाहायाद जिक्द २२ सफ़ा इश्टे८ ) कानून की नाप्रकिफकारी दस दफा फी मनशा मे धुतायिक्त फारी सरद होगी




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