सखाराम वाइन्दर तेंडुलकर | Sakharam Baendar Tendulkar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
174
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सवाराम बाइन्डर
$ आग चाहिए 1
२७
अन्दर जञातः है--उसे तस्वीर के सामने
बंठी हुई देखता है ।
बह चौंकती है । उठकर चूल्हे के पास
जाती है।
+ खाना सात बजे मिलना चाहिए मुझे । जोघरी की बार
रोटी और साथ मे हरा मिरचा । लहसुन की चटनी उधर
किसी डिब्बे में होगी। मिरचा डलिया में है। भौर जोघरी
का भाटा उस बडे वाले डिब्बे मे ।
बह एक थाली मे रखकर आय देती है ।
+ ऐसे नही चिलम की आग दी जाती ।
$ इसमे दिया करो ।
कफिमारे पडो हुई पुरानी पूपदानों उठाता
1
बह देतो है ॥
+ तुम्हे भात खाने की आदत हो तो बना लेना । चावल होगे
धर में । पहली वाली खाया करती थी 1 खोज कर देखो ।
दाल भी होगी | मैं भात नहीं खाता ।
बह चुपचाप सुन लेती है। सलाराम
ठिठक कर एक नजर उसे देखता है फिर
आग लेकर बाहर आ जाता है । वह
खाना बनाने को तंयारी में जुट णाती
है ॥ एक आरतोदानी मिलतो है उसे
उठाकर तस्वीरों के सामने रण देती है ?
बाहर दूर पर कहीं मविर का घष्टा
बजता है यह उस दिश्या से नमस्कार
करती है । याहुर के फमरे से सलाराम
User Reviews
No Reviews | Add Yours...