वैदिक साहित्य में रुद्र | Vaidik Sahitya Me Rudr

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Book Image : वैदिक साहित्य में रुद्र  - Vaidik Sahitya Me Rudr

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कर फनबनस जनम पतन का पक मन न किम म मम लनकरनमन मसल घन. टनटनम कम लिन का नर मकर नल लक साहित्य - की: लइरकासातरदतालापस्‍तण॥रातात सातापासपाभ का ५४5 सका कल व लक न पलक कब पर हे मल मल सा कक समकक- जडाडा> वक्त जामोका: वार अामाक |* प्रधमों 5६ या य ६- 1-4 9 धाकरजमाका कम आकामश आडेका आफ! फाइंक अधिक परइकी: काला! बैद तथा परवर्ती वाड-मय में निद्वित रूद्र का सामान्य स्वस्ण 2० द्विती यो 5ध्याय :- 50-94 असेशशाक्ा- (पलक काका, संवियाक, पॉवर: 'उमदा#- माना जीव, सल>- अप पका! जयदुलक 1० छुद्ध एवं शिव की अभिन्‍्नता रतन ऋककक नाप टन एतत 7“ ज्51:७-०६क्‍६३८---- 7 ४ टेट जी 0२२--००० ४-2 ७८-४०८३०४*स०5५-:--७/6पकर”*;अकटर + फट कगार- कक नी फजसीकक फ नट 2. ॑ जरा १ 2०, कार सजा + करे छा ---कन++- >कल्‍ल्‍लाल्‍-आका १ बन पल काट 7 “1-3 *3-- “ धा-प्क ना -५- +*जम्मकाक पान पमाहन-रत- ५2०३० - ारतारभरनका- कह कक-#कन-क+ जकाऊना 2 शित॒ का प्रणव सम 3० शिव अथवा रुट्र की सवॉत्तमता श्छ ४ रा * डु० तृती यो 5ध्या य ३- 95-13] द्रू क्‍ 2 * रूद्र की सर्वव्यापकता और उसकी उपासना का आध्या- हे ल्मिक महत्स्ल श पड +*.. चतुर्थॉड्श्याय: - 132-174 वैदिक वाड-मय में निड्ित सृष्टि प्रक्रिया तथा ब्रहमा , विष्णु और रूद्र की एवातल्मता ढ 5«० पश्चमों 58याय १७ 175-222 सामान भवााका पावर पधीलकर धाशदा। प्रोषलक्ता्दित- ऑलिकर कोश आशनिए- बलि वेदौ बत शिव अथवा रूद्र का कल्याणकारी स्वस्थ तथा 285०269




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