सरल मनोविज्ञान | Saral Manovigyan

Saral Manovigyan by डाक्टर भगवानदास - Dr. Bhagwan Das

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डाक्टर भगवानदास - Dr. Bhagwan Das

Add Infomation AboutDr. Bhagwan Das

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
सरल मनोविशान बैज्ञानिक विधि * मनोविज्ञान एक विज्ञान दे । इचंकि श्रध्ययन में हमें सदा इस मात पर ध्यान सपना, होता दे कि हमारा श्रव्ययन पैंशानिक रीति का दो, शास्ीय दज़कानदो। शास्रीय रीति वैशानिक रात स मिम्न है । शाख्र फिसी विशेष मत को लेकर चलता है श्रौर उस मत का प्रतिपादन श्रपनी युक्तियों के द्वारा करता है । उसका लदय एक निश्चित मत का प्रचार करना, उसे सामान्व लोगों के लिए छुगम उनाना, दूसरे मतों का सडन करना तथा श्रपने मत को दृढ़ करना दै । शास् का ज्येप्ठ प्रमाण श्राप्त वचन दे । इस ब्ाप्त चचन पर श्राक्षिप नहीं किया जा सकता, द्वाप्त वचन थचादे वेद का हो श्रथवा चुरान या याइविल का । किसी ऋषि का बात को गल उतारना शास्त्रीय पाद-पिवाद फा लघप होता है । इसके प्रतिकूल विज्ञान श्रपने श्रनुभव का कसीटी पर दी सय मतों श्वौर युक्तिथों को क्सता दे । ज्य्ट प्रमाण यहाँ श्रपना श्रनुमय हे । तक श्रनूमच के श्राधार पर, ही किया जा सकता है । जिस सिद्धान्त की प्रामाणिकता प्रत्यक्त रुप से नहीं दिखायी जा सकती वद्द सिद्धान्त दो नहीं । विचार का श्ाघार यहाँ प्रत्यक्त दो है । ः विशान का विश्वास प्रयोग पर रदता है । वैज्ञानिक सिद्धान्तों की सत्यता प्रयोगों द्वारा सिद्ध की जा सकती है । ये प्रयोग प्रत्येक व्यक्ति को सिद्धान्तों की सत्यता जानने के लिए स्वय करने पड़ते हैं । पिना प्रयोगों के विज्ञान का ज्ञान नददीं हो सकता । यदि दस प्रयोग न रके किसी विज्ञान के श्रध्ययन में किसी विशिष्ट व्यक्ति के मत का उल्लेख करें तो इम वैज्ञानिक रीति का अनुसरण नहीं करेंगे ) थी बैशानिक रीति के पाँच श्रद्ध हैं-- श्नप्रदू्त* का इकट्ां करना । २--उउनका वर्गाकरण करना । रे-कह्पनार की सुष्टि। ४--निरीक्षण श्रौर प्रयोग । (कल्पना की सचाई सिंद्ध करने के लिए ) नियम को स्थिर करना 1 प्रत्येक यैशानिक नियम उपयुक्त विधि से स्थिर किया जाता दे । उदा- दरणायं, पानी में पदार्थों के वजन घटाने के मियम को लीजिए । यइ नियम 1 5दहापीट फल्फरिच्तें. उ. 046... 3. टाचडडाटिफजा सिफकृफिंच्छड .. 5 095टप्बपणण खाए एडकूटापाएशा 6 1317




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now