भारत की सती स्त्रियाँ | Bharat Ki Sati Striyan

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Book Image : भारत की सती स्त्रियाँ  - Bharat Ki Sati Striyan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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द हक शी : भावश पुरुष होता है । पतियता नारी का मन अपने. पति का दम हा हता है, जिसमें पति के विचार और भाव घतिविस्वित होते हैं । उति का जचार-ण्यवद्ार भानी पुक साँधा होता है, जिससे पत्नी का जीवन हे दे सीता! डर :.छर्ता है । पति दी सेरे जीवन का मेठर पार कर सकते हुर्थरे बन, 1, हैं नहीं जातनी कि मैं पशि बी भाका दि दान कर एकी हूँ, में ले रास के सष्दू के घर समझती हैं 1 सम मुझे... कै, प्राणों से भी प्यारे हैं । जग्निन्कुष्ट. के सामने. खरे छोकर जद छुन्होंने दी प्रेम करेगे का प्रण किया, जब मेरी भाँख इनकी जजों कै पर तभी से मैं इन का पूजन करती हूँ । में नहीं जानती कि यह | ं काम अस्नि का था या परमेद्वर अथवा इन की. आँखों का, फबल इसना, पा ानती हूँ कि जब मैंने उधर से दृष्टि हटाई ठब मेरे हृदय पर एक बोझ- कि ं हर सा. मालूम पढ़ा । जदाँ पहले मेरे मन में घमण्ड, सौर स्वार्थ था | की वहाँ भव राम की ही मूर्ति बसने कगी है । अब यही छुभाने बाकी मूर्ति...




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