वैराग्य के पथ पर | Vairagya Ke Pathpar
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.37 MB
कुल पष्ठ :
142
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चार
आध्यात्सिक
न रन ली
पिन >. न दें याद करो । रास खरे
फेस न सूलो 19 ईश्वरका भजन
न< उठ
पहले मोर दूसरेसे वेंराग्यकी मावनाकी उत्पत्ति
होगी ।. तोसरेसे, उत्साह मिलेगा ।
चोथे से मात्मतान प्राप्त होगा
एच ग्रह्म साश्नात्कार करने
को क्षमता उत्पन्न
होगी ।
या
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