वैराग्य के पथ पर | Vairagya Ke Pathpar

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Vairagya Ke Pathpar by श्री स्वामी शिवानन्द सरस्वती - Shri Swami Shivanand Sarasvati

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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चार आध्यात्सिक न रन ली पिन >. न दें याद करो । रास खरे फेस न सूलो 19 ईश्वरका भजन न< उठ पहले मोर दूसरेसे वेंराग्यकी मावनाकी उत्पत्ति होगी ।. तोसरेसे, उत्साह मिलेगा । चोथे से मात्मतान प्राप्त होगा एच ग्रह्म साश्नात्कार करने को क्षमता उत्पन्न होगी । या




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