सहायता प्राप्त एवं गैर सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों की व्यावसायिक | Sahayata Prapt Evm Gayor Sahayata Prapt Mahavidyalaya Kay Shikshan Ki Vyavsayik

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Sahayata Prapt  Evm Gayor Sahayata Prapt Mahavidyalaya Kay Shikshan Ki Vyavsayik  by ममता चन्देल - Mamta Chandel

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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में डाल दें। प्रजातंत्र तभी सफल होगा जब यहाँ के नागरिकों में अपने अधिकार के प्रति जागरूकता आएगी, वे अपने कर्तव्य को समझेगें, वे सही एवं गलत में विभेद करने के साथ-साथ वैज्ञानिक, आर्थिक एवं राजनैतिक एवं राजनैतिक मुद्दों पर अपना स्वतंत्र विचार रख सकें एवं स्वतन्त्र निर्णय ले सकें। अस्तु किसी देश के भविष्य की रूप रेखा शिक्षा पर निर्भर करती है। शिक्षा ही एक सबल माध्यम है जिससे प्रबुद्ध नागरिकों को तैयार कर केवल जनतंत्र ही. नहीं, वरन्‌ देश एवं विश्व में चेतना नवीनता एवं प्रबुद्धता का संचार किया जा सकता है। शिक्षा एक दिव्य ज्योति है जो व्यक्ति के अन्तःकरण को प्रकाशित करने के साथ-ही-साथ वाहय जगत को भी अपने प्रकाश से आलोकित करती है। यह व्यक्ति की मूल क्षमता (शारीरिक, मानसिक एवं अन्य) जो पैदा होने के साथ मिलती है, के सम्बद्धन का कार्य करती है। शिक्षा के माध्यम से प्रत्येक समाज अपनी सामाजिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों को एक पीढ़ी से दूसरे पीढ़ी तक पहुँचाने का कार्य करती है। शिक्षा के चलते ही मनुष्य अन्य जीवों से अलग है। अगर मनुष्य को शिक्षा से मुक्त या विसत कर दिया जाये तो वह अन्य प्राणियों के सद्श हो जायेगा। मनुष्य से शिक्षा का अलग होना प्रकाश का सूर्य से अलग होने के सदूश है। अगर शिक्षा का स्वरूप सशक्त है, तो वह सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, नैतिक एवं वैयक्तिक परिवर्तन को . सही दिशा प्रदान करने में सक्षम होगी, अतः अगर हम चाहते हैं कि प्रजातंत्र की जड़े मजबूत हो और सब जगह सुख, समृद्धि एवं सुख, शान्ति एवं समृद्धि उसी अनुपात में होगी। यहाँ शिक्षा के गहराई का अर्थ है-शैक्षिक स्तर से, शैक्षिक अन्तर्गत ..... प्राथमिक शिक्षा, उच्च माध्यमिक शिक्षा एवं विश्व विद्यालयी शिक्षा आता है, जहाँ. दर ...प्राथमिक शिक्षा व्यक्ति को अपने व्यक्तिगंत जीवन की आधारशिला रखने में सहायक झर सिद्ध होती है वही माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा व्यक्ति को वृहद सामाजिक ःः सम्बन्धों समायोजित होने की क्षमता प्रदान करती है और जीवनयापन के लिए दृष्टि... _ भी प्रदान करती है। माध्यमिक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है-व्यक्ति को उसके क्षमता... के अनुरूप उच्च शिक्षा के लिए तैयार करना. और उसे व्यवसायिक जगत में प्रवेश.




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